विकास व राजस्व में फिसड्डी, बाराबंकी की सीएम डैशबोर्ड पर रैंकिंग 27वीं
बाराबंकी जिले की अक्टूबर माह की रैंकिंग में विकास और राजस्व कार्यों में खराब प्रदर्शन के कारण 75 जिलों में 27वां स्थान है। कई योजनाओं में भी बाराबंकी की स्थिति निराशाजनक रही है। हालांकि, कुछ योजनाओं...
बाराबंकी। शासन ने अक्टूबर माह की जिलो की रैंकिंग जारी की है। विकास व राजस्व कार्यों में बेहतर प्रदर्शन न करने के कारण बाराबंकी का 75 जिलों में 27वां स्थान है। इतना ही नहीं कई बिन्दुओं व योजनाओं में बाराबंकी सबसे निचले पायदान पर है। शासन स्तर जारी की गई रैंकिंग में बाराबंकी जनपद का प्रदर्शन बेहद खराब है। सीएम डैशबोर्ड द्वारा 72 योजनाओं व बिन्दुओं पर प्रत्येक माह समीक्षा की जाती है। इसके तहत विकास कार्यो के तहत बाराबंकी की रैकिंग जहां प्रदेश में 24वें स्थान पर है। वहीं राजस्व कार्य में रैकिंग और गिरकर 35वें स्थान पर पहुंच गई। इस प्रकार दोनों कार्यों को लेकर जिले की औसतन रैंकिंग 27वें स्थान पर आई है।
कई विभागों द्वारा खराब प्रदर्शन के कारण बाराबंकी जिले की स्थिति प्रदेश में खराब हुई है। पांवे राज्य वित्रत आयोग व15वें वित्त आयोग द्वारा ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्य में बाराबंकी का प्रदेश में 73वां स्थान है। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को लेकर जिला लक्ष्य से 98.52 प्रतिशत ही हासिल कर सका। ऐसे में सौ-सवा सौ प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले जहां टाप पर हैं वहीं बाराबंकी बाटम के पांच जिलों में है। वहीं एनआरएलएम बैंक क्रेडिट लिंकेज में बाराबंकी लक्ष्य का 29.32 प्रतिशत ही हासिल कर सका। जिसके कारण उक्त बिन्दु पर 73वीं रैंकिंग आई। पीएम पोषण के तहत विद्यालयों के निरीक्षण में भी जिले का 75वां स्थान है।
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कई योजनाओं में रहा बेहतर प्रदर्शन
बाराबंकी। जहां एक ओर अधिकांश बिन्दुओं में बाराबंकी का प्रदर्शन खराब रहा वहीं कई योजनाओं में टाप पर भी है। 102 एम्बुलेंस के मरीज को छोड़ने में बेहतर टाइम आदि के कारण बाराबंकी 99.88 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर जिला चौथे स्थान पर आया है। फैमली आईडी बनाने में भी जिला तीसरे स्थान पर है। निराश्रित गोवंश संरक्षण में भी जिला 251.67 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर दूसरे स्थान पर आया है।
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कानून व्यवस्था में जिला चौथे स्थान पर
बाराबंकी। कानून व्यवस्था को लेकर जारी की गई रैंकिंग में बाराबंकी प्रदेश में चौथे स्थान पर आया है। वहीं जोन में पहला स्थान हासिल हुआ है। पुलिस विभाग की रैकिंग पचास बिन्दुओं की समीक्षा करने के उपरान्त बनती है। जिसमें गैंगेस्टर, गुण्डा एक्ट की कार्रवाई, आईजीआरएस पोर्टल पर की गई कार्रवाई, आपरेशन कनवेक्शिन के तहत कोर्ट में मुकदमें की पैरवी व सजा दिलाने के मामले, 112 पीआरवी रिस्पांस टाइम, अग्नि सुरक्षा एनओसी जारी करना, गंभीर अपराधों के खिलाफ कार्रवाई आदि को लेकर रैंकिंग होती है।
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