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वर्षा जल संरक्षण के जरिए बढ़ाना होगा जलस्तर

राजीव गांधी डीएवी महाविद्यालय में स्वच्छता एवं जल संरक्षण महाभियान का आयोजन किया गया। जिसमें जलगुरू ने वर्षा जल संरक्षण के माध्यम से जल स्तर बढ़ाने पर जोर दिया। कहा गया कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी...

वर्षा जल संरक्षण के जरिए बढ़ाना होगा जलस्तर
हिन्दुस्तान टीम,बांदाSat, 08 Dec 2018 08:51 PM
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राजीव गांधी डीएवी महाविद्यालय में स्वच्छता एवं जल संरक्षण महाभियान का आयोजन किया गया। जिसमें जलगुरू ने वर्षा जल संरक्षण के माध्यम से जल स्तर बढ़ाने पर जोर दिया। कहा गया कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है।

शनिवार को जिसमें जलगुरू महेन्द्र मोदी, आईपीएस पुलिस महानिदेशक विशेष जांच एवं सलाहकार, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार ने महाविद्यालय द्वारा वर्षा जल संरक्षण के लिए बने वाटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज प्रणाली का निरीक्षण किया। महाविद्यालय परिसर में जल संरक्षण के लिए सुझाव दिए। इसके उपरांत स्वच्छता एवं जल संरक्षण विषयक एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें जलगुरू महेन्द्र मोदी ने कहा कि पुराने समय में हमारे पूर्वजों द्वारा तालाब, गढ्ढे आदि बनाकर जल को संरक्षित किया करते थे। जिससे भूजल का स्तर बना रहता था। एक समय देश में 12 लाख तालाब थे, किंतु आज मात्र 6 लाख बचे। जिससे जल संरक्षण नही हो पा रहा है। वर्षा का पानी नालियों के माध्यम से नदियों में चला जाता है और भूमि प्यासी रह जाती है। इस लिए हमें वर्षा जल संरक्षण के माध्यम से जल स्तर को बढ़ाना होगा। प्राचार्य डा. रामभरत सिंह तोमर ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। इस लिए हमें वर्षा के जल को रिचार्ज करना बहुत आवश्यक है। जिससे आने वाली पीढी को जल संकट का सामना न करना पडे़। जिला विकास अधिकारी ज्ञानेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि वर्षा जल संग्रहण के उचित प्रयास न होने के कारण बह जाता हे, यदि हम इसे संरक्षित करें तो भूगर्भ जल स्तर में वृद्धि की जा सकती है। उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष मनोज जैन, शिक्षक डा. विष्णुस्वरूप गुप्ता, डा. विवेक कुमार पाण्डेय, डा. राजेश गुप्ता, डा. गरिमा द्विवेदी, डा. दिव्या सिंह, शकुन्तला, उत्तम सिंह, मनोज कुमार, विनोद सविता, छोटेलाल आदि शामिल रहे।

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