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बंदी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका खारिज

नैनी केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहे बंदी की समय पूर्व रिहाई की याचिका शासन ने खारिज कर दी है। जिले के तिन्दवारी थाना के अंतर्गत संतोषी नगर मोहल्ले का निरुद्ध बंदी नैनी जेल में सजा काट रहा है। एक...

बंदी की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका खारिज
हिन्दुस्तान टीम,बांदाSat, 28 Apr 2018 10:21 PM
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नैनी केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहे बंदी की समय पूर्व रिहाई की याचिका शासन ने खारिज कर दी है। जिले के तिन्दवारी थाना के अंतर्गत संतोषी नगर मोहल्ले का निरुद्ध बंदी नैनी जेल में सजा काट रहा है। एक महिला से प्रेम प्रसंग के चलते बंदी ने दो सह अभियुक्तों के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस मामले पर बंदी को आजीवन कारावास की सुनाई गई थी। लेकिन शासन ने बंदी की समयपूर्व रिहाई की दया याचिका खारिज कर दी है।

थाना तिन्दवारी संतोषी नगर वार्ड दस का निरुद्ध बंदी गंगा माधव की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका शासन ने खारिज कर दी है। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव सूर्य प्रकाश सिंह सेंगर ने कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं महानिरीक्षक को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि नैनी केन्द्रीय कारागार में निरुद्ध बंदी एक महिला से प्रेम प्रसंग के चलते अगस्त 1978 को दो सह अभियुक्तों के साथ के साथ मिलकर देशी तमंचा से प्रकाश चन्द्र गुप्ता की हत्या कर दी थी। इस मामले पर न्यायाधीश फतेहपुर के आदेश पर फरवरी 1980 को आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया। जिसे उच्च न्यायालय ने भी बंदी की सजा को यथावत रखा। 25 वर्ष 5 माह 21 दिन की सपरिहार सजा भोगी गई है। बंदी का जेल आचरण संतोषजनक है। जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिला मजिस्टे्रट द्वारा बंदी की समय पूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की गई है। प्रोबेशन बोर्ड की आख्या में उल्लेख किया गया है कि बंदी ने प्रेम प्रसंग में व्यक्ति की हत्या देशी तमंचा से की थी। पत्र में कहा गया है कि इस तरह अपराधियों की समय पूर्व रिहाई से समाज में न्यायिक प्रणाली के बारे में विपरीत संदेश जाएगा। बंदी का अपराध व्यक्ति विशेष तक सीमित अपराध की श्रेणी में न होने, भविष्य में अपराध करने का अवसर होने, अशक्त न होने, जेल में और आगे निरुद्ध रखने का सार्थक प्रयोजन होने, परिवार की सामाजिक व आर्थिक दशा समय पूर्व रिहाई के लिए उपयुक्त न होने की पुष्टि जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिला मजिस्टे्रट ने अपनी आख्या में दी है। पत्र में कहा गया है कि बंदी की समयपूर्व रिहाई दया याचिका खारिज कर दी गई है। इस निर्णय से बंदी को तत्काल अवगत कराया जाए।

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