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फार्मासिस्ट और वार्ड व्याय के भरोसे चल रहा अस्पताल

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहार फार्मासिस्ट और वार्ड व्याय के भरोसे संचालित किया जा रहा...

फार्मासिस्ट और वार्ड व्याय के भरोसे चल रहा अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,बांदाThu, 24 May 2018 09:12 PM
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहार फार्मासिस्ट और वार्ड व्याय के भरोसे संचालित किया जा रहा है।

जिससे यहां आने वाले मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता है। केंद्र में न तो बिजली न तो पानी। मरीजों के तीमारदारों का कहना था कि डाक्टर न होने से यहां पर तेनात फार्मासिस्ट लाल, पीली गोली देकर चलता कर देते है। मरीजों को फौरी तौर पर देखने के बाद उन्हें लिए रेफर कर देते हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इस ओर से निगाहे फेरे हुए हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतिदिन खुलता है। लेकिन डाक्टर होकर मरीज मायूस होकर लौट जाता है। यहां पर सिर्फ सिर दर्द और बुखार की दवाइयां मिल जाती है। अन्य मरीजों का इलाज के लिए बबेरू के लिए रेफर कर दिया जाता है। मरीजों की सुविधा के लिए अन्य उपकरण भी लगाए हैं। लेकिन डाक्टर होने से इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। मरीज के तीमारदारों ने बताया कि 6 साल से यहां पर किसी भी डाक्टर की तैनाती नहीं की गई। फार्मासिस्ट और स्वीपर के भरोसे है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट ने बताया कि यहां पर बिजली एक साल से नहीं है। जिसकी वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि इसकी जानकारी अधीक्षक से बताया कि लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां सबसे ज्यादा पानी के पीने की समस्या बनी हुई है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था के नाम पर खानापूरी की जाती है।

पानी को तरस जाते हैं मरीज

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी की व्यवस्था नहीं है। कैंपस में लगा एक हैंडपंप दो साल से खराब पड़ा हुआ है। मरीज और उनके तीमारदारों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। पेयजल के लिए टंकी तो बनी लेकिन वह भी शोपीस बनकर रह गई है। पानी के लिए स्वीपर अपने स्टाफ के लिए पानी तो ले आता लेकिन अन्य मरीज व उनके तीमारदार पानी को परेशान होते रहते हैं।

एक साल से खराब पड़ा ट्रांसफार्मर

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक साल से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है। जिससे इन गर्मियों के दिनों में इलाज करना काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। फार्मासिस्ट ने बताया कि इसकी सूचना अधीक्षक और ग्राम प्रधान को दिया लेकिन आज तक विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया। जिसके मरीज और उनके तीमारदारों को इस गर्मी के मौसम में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

छह साल डाक्टर विहीन चल रहा केंद्र

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहार छह साल के डाक्टर विहीन चल रहा है। डाक्टर के न होने से मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है। यहां पर तैनात फार्मासिस्ट और स्वीपर के भरोसे अस्पताल संचालित किया जा रहा है। मरीजों का कहना था कि अगर यहां पर डाक्टर की तैनाती हो जाए तो उन्हें बबेरू और जिला अस्पताल जाने की कोई जरूरत नही पडेगी।

नहीं होती कोई जांचे

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पैथालाजी तो संचालित है। लेकिन लैब टेक्नीशियन न होने से यहां पर जांच नहीं हो पा रही है। मरीज को जांच करवाने के लिए उन्हें बबेरू व जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि जांच के लिए प्राइवेट नर्सिगहोमों का सहारा लेना पड़ता है।

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