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नैनी जेल में सजायाफ्ता बंदी की दया याचिका खारिज

नैनी जेल में सजायाफ्ता बंदी की दया याचिका को शासन ने खारिज कर दिया है। महोबा जिले का बंदी हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 16 वर्ष की सजा काट चुके बंदी ने समय पूर्व रिहाई की मांग...

नैनी जेल में सजायाफ्ता बंदी की दया याचिका खारिज
हिन्दुस्तान टीम,बांदाWed, 18 Apr 2018 06:15 PM
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नैनी जेल में सजायाफ्ता बंदी की दया याचिका को शासन ने खारिज कर दिया है। महोबा जिले का बंदी हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 16 वर्ष की सजा काट चुके बंदी ने समय पूर्व रिहाई की मांग शासन ने खारिज कर दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव सूर्य प्रकाश सिंह सेंगर ने महानिरीक्षक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि केन्द्रीय कारागार नैनी में सिद्धदोष बंदी रामशरण निवासी अजनर थाना महोबा जिले का है। बंदी ने पुरानी रंजिश के चलते जुलाई माह 2000 को तीन सह अभियुक्तों के साथ मिलकर परिवादी के लड़के रामस्वरुप की कुल्हाडी से वार कर गर्दन काट कर हत्या कर दी थी। इस अपराध पर बंदी को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया था। जेल रिपोर्ट के अुनसार 28 मार्च 2017 तक 16 वर्ष 5 माह 5 दिन की अपरिहार सजा तथा 21 वर्ष 3 माह 14 दिन की सपरिहार सजा काट चुका है। बंदी का जेल आचरण संतोष जनक है। जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिला मजिस्टे्रट द्वारा बंदी की समय पूर्व मुक्ति की संस्तुति नहीं की गई। प्रोबेशन बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बंदी ने पुरानी रंजिश के चलते तीन सह अभियुक्तों के साथ मिलकर निर्दयतापूर्वक गर्दन काटकर हत्या करने का जघन्य अपराध किया है। ऐसे में समय पूर्व रहाई से समाज में न्यायिक प्रणाली के बारे में विपरीत संदेश जाएगा। पत्र में कहा गया है कि यूपी प्रिजनर्स रिलीज आन प्रोबेशन एक्ट के प्राविधानों के तहत सम्यक विचार के बाद मुक्ति का पात्र नहीं पाया गया है। बंदी की समय पूर्व रिहाई की याचिका शासन ने खारिज कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि शासन के इस निर्णय को बंदी को अवगत कराया जाए।

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