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कमासिन से अपहृत और अपहरणकर्ता लगे पुलिस के हाथ

बांदा। वरिष्ठ संवाददाता कमासिन के रानीगंज गांव से 17 वर्षीय किशोर के अपहरण...

कमासिन से अपहृत और अपहरणकर्ता लगे पुलिस के हाथ
हिन्दुस्तान टीम,बांदाWed, 28 Jul 2021 04:51 AM
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बांदा। वरिष्ठ संवाददाता

कमासिन के रानीगंज गांव से 17 वर्षीय किशोर के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। अपहृत और दोनों अपहरणकर्ता पुलिस के कब्जे में हैं। आलाधिकारियों ने मंगलवार देर शाम तक बहुत कुछ खुलकर नहीं बताया। संभावना है कि बुधवार को पूरे मामले का खुलासा किया जा सकता है।

गांव निवासी बिंदा कुशवाहा ने करीब 10 माह पहले गांव निवासी सुघर से तीन बीघा जमीन का बैनामा अपनी पत्नी कौशल्या के नाम कराया। बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर बैनामा कराया वो जमीन पहले गांव निवासी वीरेंद्र सिंह के कब्जे में रही। जबकि वीरेंद्र सिंह की जमीन पर समझौते के तहत सुघर सिंह का कब्जा था। बाद में विवाद होने पर दोनों ने अपनी-अपनी जमीन पर कब्जा ले लिया। सुघर की जमीन बिंदा ने बैनामा कराई। ये बात वीरेंद्र को नागवार गुजरी। इसको लेकर रविवार को दोनों पक्षों में विवाद, गालीगलौज और मारपीट हुई थी। रात करीब ढाई बजे बीरेंद्र सिंह अपने दोस्त संतू नाई के साथ बिंदा के सबसे बड़े बेटे राजकुमार के घर पहुंचा। घर पर राजकुमारी पत्नी कुसुमकली, बेटी सरिता (17) और बेटे राघवेंद्र (15) घर के बाहर सोए थे। अरोप है कि राघवेंद्र को दोनों जबरन ले जाने लगे। कुसुमकली और सरिता की नींद टूटी तो दोनों ने हल्ला मचाते हुए राघवेंद्र को बचाने की कोशिश की, तभी तमंचे से फायर हुआ तो दोनों पीछे हट गईं। इसके बाद बीरेंद्र, संतू नाई राघवेंद्र सहित आंखों से ओछल हो गए। बिंदा के सबसे छोटे बेटे कोमल की तहरीर पर वीरेंद्र और संतू नाई के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई। एसपी ने अपहृत की बरामदगी और अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी को चार सीओ की अगुवाई में चार टीमें बनाईं। संतू नाई पुलिस के हाथ सोमवार देर शाम ही लग गया था। वह पड़ोस के गांव स्थित ट्यूबवेल से पुलिस ने पकड़ा। वीरेंद्र चित्रकूट में राजापुर स्थित अपने ननिहाल में था। पुलिस ने उसे ननिहाल से पकड़ा। जबकि राघवेंद्र पुलिस को दलपतनगर निवासी अपने जीजा के घर मिला।

पौत्र मिलने की जानकारी दी, पर दिखाया

राघवेंद्र के बाबा बिंदा ने बताया कि पौत्र के मिलने की जानकारी चौकी और थाने पुलिस ने दी है। थाने गया था। पर उन्होंने मिलवाया नहीं है। जब तक मिल नहीं लूंगा, तब यकीन नहीं आएगा।

फायर होते ही तीनों थे भागे

चर्चाओं के मुताबिक, तमंचे से फायर होते ही तीनों अलग-अलग भाग निकले थे। चूंकि कुसुमलता ने वीरेंद्र और संतू नाई को जबरन बेटे को खींचकर ले जाते हुए देखा था। इससे अपहरण का आरोप लगाया। हालांकि पूरे मामले में मंगलवार देर शाम तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी थी। एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान का कहना है कि अपहृत किशोर बरामद और अपहरणकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।

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