प्रत्येक जीव के भीतर विद्यमान परमात्मा: कथाव्यास
बांदा। निज संवाददाता ग्राम तेरही माफी में आयोजित किए जा रहे श्रीमद्भागवत कथा में...
बांदा। निज संवाददाता
ग्राम तेरही माफी में आयोजित किए जा रहे श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार को कथाव्यास ने कहा कि सभी संतों ने मानव शरीर को हरि मंदिर कहा है, जिसमें सृष्टिकर्ता रहते हैं। आत्मा परमात्मा का ही अंश है इसलिए प्रत्येक जीव के भीतर परमात्मा मौजूद हैं। ध्यान अभ्यास करने से हम अपने अंदर की परमात्मा को खोज सकते हैं।
पूर्व प्रधान स्वर्गीय मूलचंद और कुल्लू महाराज की स्मृति में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास शुक्ल ने कहा कि ध्यान अभ्यास करने से हम अपने अंदर की परमात्मा को खोज सकते हैं। परम सत्ता में विश्वास रखते हुए हमेशा सत्कर्म करते रहना चाहिए। सत्कर्म हमारा भविष्य मजबूत करता है जबकि सत्संग हमें भलाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। प्रत्येक दिन मानव शरीर को एक प्रयोगशाला के रूप में उपयोग करके और ध्यान अभ्यास की आध्यात्मिक साधना करने से हमें यह पता लगेगा कि ईश्वर कहां है। इस अवसर पर भाजपा नेता राजनारायण द्विवेदी,भाजपा जिला मीडिया प्रभारी आनंद स्वरूप द्विवेदी, रामपाल अवस्थी, नीलकंठ गुप्ता, बीरेन्द्र बाजपेयी, गिरीश दीक्षित, महानारायण शुक्ला, मुलायम यादव, बबलू बाजपेयी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।