जीआईसी की छत ढही
शनिवार सुबह हुई बारिश के दौरान शहर के सबसे पुराने जीआईसी के एक कमरे की छत ढह गई। हालांकि कमरे में कोई नहीं था। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीआईओएस ने बताया कि इस स्कूल का पूरा भवन ही...
शनिवार सुबह हुई बारिश के दौरान शहर के सबसे पुराने जीआईसी के एक कमरे की छत ढह गई। हालांकि कमरे में कोई नहीं था। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीआईओएस ने बताया कि इस स्कूल का पूरा भवन ही जर्जर है। इसकी सूचना शासन को भेजेंगे ताकि नया भवन बन सके।
जीआईसी प्रधानाचार्य बृजराज सिंह यादव ने बताया कि स्कूल में कक्ष संख्या 12 की छत ढही है। सुबह बारिश के दौरान यह हादसा हुआ। घटना के समय वहां कोई नहीं था। यह स्कूल सामान्य हालात में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक दो शिफ्ट में चलता है। कोरोनाकाल में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। पूरा भवन ही खस्ताहाल में है। यहां कक्ष एक , दो , पांच एवं छह भी जर्जर हैं। पूरे भवन की दीवारों में दरारें हैं। जीआईसी का निर्माण 150 साल पहले ब्रिटिश हुकूमत में हुआ था। तब से यह स्कूल संचालित है। बारिश के मौसम में कई कमरों में पानी टपकता है। जीआईसी हॉस्टल भी पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है। उसे कंडम घोषित कर दिया गया है। डीआईओएस विनोद सिंह ने कहा कि नए भवन निर्माण की प्रक्रिया काफी लंबी है लेकिन वह अब शासन को नए भवन निर्माण के लिए पत्र भेजेंगे।