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डाकुओं की दहशत से सड़क का काम शुरू नहीं

एक सप्ताह पूर्व चौथ वसूली के लिए बघोलन तिराहे से कोल्हुआ को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य डाकुओं ने बंद करा दिया जिसका काम सात दिन बीतने के बावजूद शुरू नहीं हो सका है। यहां डाकुओं ने 10फीसदी...

डाकुओं की दहशत से सड़क का काम शुरू नहीं
हिन्दुस्तान टीम,बांदाThu, 14 Feb 2019 10:43 PM
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एक सप्ताह पूर्व चौथ वसूली के लिए बघोलन तिराहे से कोल्हुआ को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य डाकुओं ने बंद करा दिया जिसका काम सात दिन बीतने के बावजूद शुरू नहीं हो सका है। यहां डाकुओं ने 10फीसदी रंगदारी मांगी है। बांदा के अलावा चित्रकूट पुलिस भी इस इलाके में कांबिंग कर चुकी पर बदमाशों का सुराग नहीं लग सका है। ठेकेदार का कहना है कि बिना पुलिस सुरक्षा के वह काम नहीं शुरू करेगा।

गुरुवार को सातवें दिन भी बघोलन तिराहे से कोलुहा गांव को जोड़ने वाली सड़क का कार्य डकैतों के खौफ की वजह से शुरू नहीं हो सका। ठेकेदार जयप्रकाश पांडेय ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए एसपी चित्रकूट ने पीएसी तैनात करने का भरोसा दिया था पर अभी तक मिली नहीं। वहां मजदूर बिना सुरक्षा जाने को तैयार नहीं है। डढवा मानपुर के पास एक सप्ताह पूर्व दस्यु सरगना बबुली कोल गैंग के हार्डकोर सदस्य लवलेश कोल ने दो जिलों बांदा व चित्रकूट की पुलिस का चुनौती दी थी। बांदा की सीमा में ग्रामीण राजा उपाध्याय के घर दहशत फैलाने के लिए फायरिंग की तो कुछ फर्लांग की दूरी पर चित्रकूट जिले में चौथ वसूली के लिए लोनिवि का काम बंद करा दिया। दहशत की वजह से राजस्थान से आए श्रमिक काम बंद कर चले गए। पुलिस ने कुछ दिन कांबिंग की फिर हालत जस के तस हो गए।

डाकुओं के निशाने पर विकास कार्य

फतेहगंज क्षेत्र में डाकुओं की धमाचौकड़ी अक्सर बनी रहती है। इस इलाके में सड़कों की हालत खस्ता है। भय का बहाना कर अफसर निगरानी को नहीं जाते और ठेकेदार मनमाने ढंग से काम करता है। कई चेकडैम अधूरे पड़े। वर्ष 2005 में गोबरी गांव जाने वाली सड़क बनी जो लगता ही नहीं कि कभी बनी थी। उसमें बड़े गड़े गढढे हो गए है। इसी तरह महुई से गजपति पुर को जोड़ने वाली रोड़ अधूरी है। इन बदमाशों के खौफ का ही असर है कि ग्रामीण मुंह खोलने से डरते है। वजह है कि इस समय डाकू बबुली कोल,साधना पटेल के अलावा अज्ञात छुटभैया बदमाशों की चहलकदमी बनी रहती है।

स्कूलों में जाने से हिचकते शिक्षक

दस्यु प्रभावित फतेहगंज क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में जान जोखिम में डाल शिक्षक स्कूल पहंुचते है। कई स्कूलों में तो टीचर यदाकदा ही आते है। जिले के अधिकारी भी इस इलाके में जंगल क्षेत्र के स्कूलों में जाने से कतराते है। इस क्षेत्र में वर्ष 2005 में गोड़ी बाबा प्राथमिक विद्यालय से अध्यापक कामता कोटार्य का अपहरण हुआ तब से यहां शिक्षक जाने से भय खाते है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां एक प्राइवेट युवक द्वारा बच्चों को पढाया जा रहा है।

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