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मौत के भय से घर लौट रहा था डकैत चुनबादा

दस्यु सरगना ललित पटेल को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। गैंग के सरदार की मौत होने के बाद सभी सदस्य इधर उधर जान बचाकर भागने लगे। गैंग का सक्रिय सदस्य मौंत के भय से घर लौट रहा था, तभी पुलिस ने...

मौत के भय से घर लौट रहा था डकैत चुनबादा
हिन्दुस्तान टीम,बांदाTue, 08 Aug 2017 11:27 PM
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दस्यु सरगना ललित पटेल को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। गैंग के सरदार की मौत होने के बाद सभी सदस्य इधर उधर जान बचाकर भागने लगे। गैंग का सक्रिय सदस्य मौंत के भय से घर लौट रहा था, तभी पुलिस ने घेराबंदी करके उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसके कब्जे से एक राइफल और कारतूस बरामद किए। सतना जिले के पोखरवार जंगल में रविवार की शाम दस्यु सरगना ललित पटेल को एमपी पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था। दस्यु सरगना के मारे जाने के बाद उनके सदस्यों को भी मौंत का भय सताने लगा। मारे जाने से बचने के लिए सदस्य कोई अपने घर को लौटने लगा तो कोई नाते रिश्तेदारियों में भागने लगा। पुलिस अधीक्षक शालिनी ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि ललित पटेल गैंग का सक्रिय सदस्य चुनबादा पुत्र मिरचइया खैरवार निवासी बघोलन घर आ रहा था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने शहीद स्मारक के पास घेराबंदी कर दी। इस पर चुनबादा ने पुलिस पर फायर कर दिया। किसी तरह पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसपी का कहना है कि एमपी की तरफ से उसके ऊपर दस हजार का ईनाम घोषित था। वह कुछ दिन पहले ही गैंग में शामिल हुआ था। तीन लोगों की गोली मारकर हत्याकर जला दिए जाने और शिक्षक के अपहरण में शामिल था। पुलिस पार्टी ने पुलिस को आता देख उसने राइफल में कारतूस भरने लगा इसी बीच पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस पार्टी ने थानाध्यक्ष पंकज तिवारी दयाराम, वेदप्रकाश, दीपक विश्वकर्मा आदि शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक ने उन्हें पांच हजार का ईनाम दिया है।

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