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खुलेंगे परिषदीय स्कूल पर , शिक्षकों में नाराजगी

वैसे तो 20 जून से जिले में शिक्षक स्कूल पहुंचकर बच्चों को एमडीएम की कंवर्जन कास्ट देने की कवायद में जुटे हैं। अभिभावकों के आधार कार्ड व खाता नंबर लेकर फीड करा रहे हैं। बच्चे पहले भी नहीं आ रहे थे और...

खुलेंगे परिषदीय स्कूल पर , शिक्षकों में नाराजगी
हिन्दुस्तान टीम,बांदाTue, 30 Jun 2020 10:32 PM
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वैसे तो 20 जून से जिले में शिक्षक स्कूल पहुंचकर बच्चों को एमडीएम की कंवर्जन कास्ट देने की कवायद में जुटे हैं। अभिभावकों के आधार कार्ड व खाता नंबर लेकर फीड करा रहे हैं। बच्चे पहले भी नहीं आ रहे थे और एक जुलाई से भी नहीं आएंगे। इस बीच स्कूल में बैठने की बाध्यता का शिक्षकों ने विरोध किया है। बीएसए हरिश्चन्द्र नाथ ने कहा कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार हर स्कूल में शिक्षकों को काम करना होगा। अभी स्पष्ट आदेश नहीं आए हैं।

प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल में रुकने की अनिवार्यता किए जाने से संशय बढ़ गया है। खासतौर से उन स्कूलों में तैनात शिक्षकों में जहां प्रवासी ठहरे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक इन स्कूलों को सेनेटाइज तक नहीं कराया गया है। पुरुष शिक्षक तो सुरक्षा के उपाय कर पहुंच जाएगा पर महिला शिक्षकों को दिक्कत होंगी। खासतौर से उन शिक्षिकाओं को जिनके छोटे छेाटे बच्चे होंगे। कोरोनाकाल में गांव के स्कूल में पूरे दिन शिक्षक बैठेगा तो गांव के लोग भी आएंगे। उनमें प्रवासी भी होंगे। शिक्षक काम तो कर ही रह रहे हैं। सामान्य तरीके से जैसे काम हो रहा है। वैसे ही कराया जाए। वैसे भी बड़ी संख्या में शिक्षक कोविड के कंट्रोल रूम में काम करते रहे। बीएसए ने बताया कि स्कूल में संपदा पोर्टल, शारदा अभियान, मिशन प्रेरणा एप आदि के कार्य शिक्षक स्कूल में रहकर करेंगे। स्कूल की सफाई व सेनेटाइज कराएंगे। एक दो दिन में हर स्कूल में किताबें भेजनी शुरू कर दी जाएंगी। डीआईआएस विनोद सिंह ने बताया कि स्कूलों के दफ्तर तो पहले से खुले हैं। जिले में करीब 40 ऐसे स्कूल हैं, जिन्हें क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था। वहां सेनेटाइज भी कराना चाहिए। अभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति का स्पष्ट आदेश नहीं आया। अगर आएगा तो कोरोना प्रोटाकाल का पालन करते हुए शिक्षक स्कूल पहुंचेंगे और वहां आफिस में बैठेंगे।

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