टूटा तीन साल का रिकार्ड, इस वर्ष सबसे अधिक 126 एमएम बारिश
बांदा। संवाददाता बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। बारिश ने पिछले तीन साल...
बांदा। संवाददाता
बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। बारिश ने पिछले तीन साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। इस साल सबसे अधिक बारिश 126 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। अलग अलग क्षेत्रों में हो रही इस बारिश से भले ही दलहनी फसलों को कोई नुकसान न हो, पर कामकाजी लोगों को खासी दिक्कत उठानी पड़ रही हैं। सड़कों और गलियों में कहीं जलभराव तो कहीं गंदगी से मच्छरों के प्रकोप की वजह से बढ़ रही बीमारियों की वजह से अस्पताल में भी खासी भीड़ नजर आ रही है।
मानसून इन दिनों मेहरबान है। कहीं बरसात तो कहीं सूखे का आलम है। इस बारिश से पिछले करीब एक पखवारा पहले नदियां उफान पर आ गई थीं। कई इलाकों में जलभराव से ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लोगों का मानना था कि इस बार मानसून जल्दी आ गया है। यह खासतौर से दलहनी फसलों के लिए फायदेमंद है। कुछ भी हो इन दिनों रिमझिम बारिश की वजह से लोग परेशान से हो गए हैं। लोगों का कहना है कि खासतौर से कामकाजी लोगों को आने जाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
तीन साल बाद सबसे अधिक बारिश
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रभारी डा. दिनेश शाह ने बताया कि इस साल यानि 2021 में पिछले एक सितंबर से 15 सितंबर तक कुल 126 एमएम बारिश हुई है। जबकि इससे पहले 2020 के इसी अवधि में 30 एमएम, 2019 में 94 एमएम और 2018 में 97 एमएम बारिश हुई थी।
48 घंटे में हुई 26 एमएम बारिश
कृषि विवि में मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. दिनेश शाह ने बताया कि बीते 48 घंटे में कुल 26 एमएम बारिश हुई। 24 घंटे में 15 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इस माह अब तक कुल 126 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। दिन में रुक-रुककर बूंदाबादी हो रही है। चिल्ला के डिघवट में बुधवार देर रात तेज बारिश हुई थी। बारिश से कच्चा मकान गिर गया था, जिसके मलबे में दबने से एक युवक की मौत हो गई है।
बारिश ने कामकाज किया प्रभावित
बारिश के कारण लोगों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। सुबह से ही रिमझिम बरसात के कारण लोग भीगने को मजबूर हैं। बरसात में भीगने की वजह से लोग सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। जिससे अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। वहीं बाजार में दुकानदार ग्राहकों की इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन ग्राहक नही आ पा रहे हैं।
खतरे निशान से 11 मीटर नीचे यमुना
बारिश के कारण पिछले करीब एक पखवारा पहले जहां केन और यमुना बाढ़ पर आ गई थी। यहां दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब आ गई थीं। जिससे आसपास के गांव में लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने लगे थे। कई मार्गों में यातायात भी प्रभावित हो गया था। लेकिन इधर अब दोनों नदियों का जलस्तर सामान्य है। गुरुवार की शाम केन का जलस्तर 95.28 मीटर रहा, यहां खतरे का निशान 104 मीटर पर है। जबकि यमुना का जलस्तर 89.16 मीटर रहा। इसका खतरे का निशान 100 मीटर है। इस तरह केन करीब 9 मीटर खतरे के निशान से नीचे बह रही है। जबकि यमुना करीब 11 मीटर खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
