अन्ना पशुओं के लिए चलाया जाए अभियान
जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय में हुई। डीएम ने सभी एसडीएम व बीडीओ और ईओ को निर्देश दिए कि अपनी अपनी जिम्मेदारी के साथ अपने अपने...
जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय में हुई। डीएम ने सभी एसडीएम व बीडीओ और ईओ को निर्देश दिए कि अपनी अपनी जिम्मेदारी के साथ अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर अन्ना पशुओं का अभियान चलाकर दो दिनों में बंदीकरण कराया जाए। यदि कोई भी पशु पालक अपने मवेशी को खुला छोड़ता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
जिलाधिकारी हीरा लाल ने कहा कि बुन्देलखण्ड में अन्ना प्रथा एक अभिशाप है। इस प्रथा को समाप्त करने के लिए सभी को जागरुक करना होगा। बेसहारा पशुओं को आश्रय देना पड़ेगा। अन्ना पशुओं से जान माल का नुकसान, सड़क दुर्घटना, फसल की बर्बादी से कम उत्पादन किसानों को मिल पाता है। कहा कि पहले महिलाएं गोबर से पूरे घर की लिपाई पुताई करती थी जो हवा को शुद्ध रखने का कार्य करता था। कहा कि गाय के गोबर से बायोगैस, वर्मी कम्पोस्ट, गौ मूत्र को एकत्र कर मार्केट में बेंचना तथा कीटनाशक दवाएं भी तैयार करना आदि विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते है। डीएम ने कहा कि देश में हर साल 100 मिलियन टन गोबर निकलता है जिसका सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता है। देशी गाय के गोबर में सबसे अधिक प्रोटीन की मात्रा होती है इसका उपयोग सभी किसानों को करना चाहिए। गोबर से गमले व अन्य उत्पाद मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, कलमदान, कूड़ादान, गोबर से बने पेपर और वैदिक प्लास्टर तथा प्लास्टिक बैग प्रतिबन्धित कर गोबर से बने कैरी बैग एक बेहतर विकल्प होगा। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी हरिश्चन्द्र वर्मा, डीआरडीए मनरेगा पीडी आरपी मिश्रा, मुख्य कोषाधिकारी विनोद कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. ईश्वर नारायण सिंह, उप जिलाधिकारी पैलानी मंसूर अहमद, डीपीआरओ संजय यादव आदि जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।