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कुंभ मेला के बाद भी ए श्रेणी के रेलवे स्टेशन में बेपरवाह बने जिम्मेदार

चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय का रेलवे स्टेशन भले ही ए श्रेणी का हो। लेकिन यहां सुविधाओं का टोटा है। इस समय प्रयागराज का कुंभ मेला चल रहा है। सरकार के द्वारा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैय्या करवाने...

कुंभ मेला के बाद भी ए श्रेणी के रेलवे स्टेशन में बेपरवाह बने जिम्मेदार
हिन्दुस्तान टीम,बांदाSun, 20 Jan 2019 09:14 PM
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चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय का रेलवे स्टेशन भले ही ए श्रेणी का हो। लेकिन यहां सुविधाओं का टोटा है। इस समय प्रयागराज का कुंभ मेला चल रहा है। सरकार के द्वारा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैय्या करवाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कुंभ मेला को लेकर कई स्पेशल ट्रेन और बसों का भी प्रबंध किया गया है। इन सबके बाद भी स्टेशन में अव्यवस्थाओं से यात्री हलाकान हैं। यहां ट्रेन लोकेशन का डिस्प्ले बोर्ड और आटो एनाउंसमेंट कई दिनों से खराब है। सुरक्षा की द्रष्टि से परिसर में सीसी टीवी कैमरों की व्यवस्था नही, जबकि बाहर जो लगे हैं, वह भी शोपीस बने हुए हैं।

स्टेशन मुख्य गेट पर भारी भरकम गढ्ढे खुला छोड़ दिए गए हैं, जिसमें कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। वाहन स्टैण्ड है नही, जिससे जिसने जहां चाहा वहां वाहन खड़ा कर दिया, कोई रोकने वाला नही है। मुसीबत यात्रियों को झेलनी पड़ रही है, इस ओर या तो जिम्मेदारों को ध्यान नही गया, या फिर वह अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन बने हुए हैं। कुछ भी हो खामियाजा यहां आने जाने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। कुंभ मेला को लेकर इस समय रेलवे स्टेशन पर खासी भीड़ चल रही है। इसके बाद भी यहां जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। इस संबन्ध में जब स्टेशन अधीक्षक कक्ष गए तो वहां ताला लटकता नजर आया। बगल में उप स्टेशन प्रबंधक कक्ष गए तो वहां बैठे अधिकारी कर्मचारियों का कहना था कि रविवार है साहब मलाई खाने गए हैं। यहां समय समय पर रेलवे के उच्चाधिकारी आकर मौका मुआयना करते हैं और तमाम व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दे जाते हैं, लेकिन यहां कुछ भी अमल होता नजर नही आता है। यहां तक कि वर्षों से बंद एक वाहन स्टैण्ड तक का प्रबंध नही करवाया गया, जिससे कम से कम मुख्य गेट पर वाहनों की कतार न लग सके। मुख्य गेट तो छोडिए स्टेशन के अंदर तक लोको पायलट के बाहर कर्मचारियों ने बाइक स्टैण्ड बना रखा है, लेकिन आखिर क्या करें सुरक्षा को लेकर यहां बाइक खडी करना उनकी मजबूरी है। इस संबन्ध में स्टेशन अधीक्षक ने दूरभाष पर बताया कि उच्चाधिकारी आए थे, वाहन स्टैण्ड प्रक्रिया में हैं। आरपीएफ थानाध्यक्ष का कहना है बाहर वाहन स्टैण्ड की व्यवस्था हो जाए, तो यहां की समस्या खत्म हो, अन्यथा की दशा में बाहर खड़ा करवाने पर जिम्मेदारी तो हमारी ही होगी। वर्ना लोग यहां झंडा ऊंचा करने लगेंगे।

आटो एनाउंसमेंट, डिस्प्ले बोर्ड खराब

रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए एनाउंसमेंट की व्यवस्था होती है। जिससे कि यात्रियों को ट्रेन के आने और जाने की जानकारी मिल सके। लेकिन खास बात यह है कि विभाग के ही एक कर्मचारी की माने तो यहां का आटो एनाउंसमेंट कई दिनों से खराब है। यही नही, ट्रेन लोकेशन को लेकर यहां लगा डिस्प्ले बोर्ड भी कई दिनों से खराब है। जिससे यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हलांकि इस संबन्ध में स्टेशन अधीक्षक ने दूरभाष पर दावा किया कि कोई खराबी नही है सभी दुरूस्त हैं। बराबर एनाउंसमेंट हो रहा है।

सुरक्षा के पहरेदार को भी पानी की दरकार

रेलवे स्टेशन पर यदि आप को स्वच्छ पानी पीना है, तो बोतल ही खरीदना पडेगी। क्योंकि यहां साफ और स्वच्छ पानी मिल जाए यह बहुत ही दुर्लभ है। यही नही यहां यात्रियों के सुरक्षा के लिए बने जीआरपी थाना में तो पानी के लिए नल तक की व्यवस्था नही है। जिससे इन सुरक्षा के पहरेदारों को भी बोतल मंगाकर ही गला तर करना पड़ता है, यह बात दीगर है कि कैण्टीन संचालक मेहरबान हो, और इसका खामियाजा यात्रियों को चुकाना पड़ता हो।

स्टेशन में सुरक्षा के लिए नही सीसी कैमरे

रेलवे स्टेशन ए श्रेणी का होने के बाद भी सुरक्षा को लेकर यहां जिम्मेदार संजीदा नही है। आज तक अभी इस स्टेशन पर सीसी कैमरे तक की व्यवस्था नही है। सूत्रों की माने तो बाहर सिविल पुलिस के द्वारा कैमरे लगवाए गए थे, वह भी शोपीस बने हुए हैं। स्टेशन अधीक्षक ने भी दूरभाष पर माना कि स्टेशन में सीसी कैमरों की व्यवस्था नही है। हलांकि जीआरपी थानाध्यक्ष पीएल प्रजापति का कहना है कि जीआरपी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद है।

:यहां तो न पर्दा है न दरवाजा

रेलवे स्टेशन मुख्य गेट के बाहर बंद वाहन स्टैण्ड के सामने एक महिलाओं के लिए बने शौचालय में न तो दरवाजा है और न ही कोई पर्दा। इसके साथ ही यहां गंदगी की भरमार है। यह जरूर है कि शनिवार को यहां एक पुरूष लगे नल में स्नान करते नजर आया। यही पर नाला खुला हुआ है, जिसमें तनिक से चूके तो घटना तय है। आसपास के लोगों का कहना था कि अभी नाला सफाई हुई है ,जिससे इसे खुला छोड दिया गया है। नजदीक बने रैन बसेरा में कर्मचारी का पिता हिन्दुस्तान समाचार पत्र पढ़ते नजर आया।

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