विद्यावान व्यक्ति में नम्रता,विद्वान में होता अंहकार
श्री नाथ विहार कालोनी में आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा में श्री नाथ विहार कालोनी में आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा...
श्री नाथ विहार कालोनी में आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा में रविवार को कथाव्यास नितिन देव ने कहा कि विद्वान में अंहकार जबकि विद्यावान व्यक्ति में नम्रता होती है। हमेशा विद्यावान बनने की प्रेरणा दी।
शिव महापुराण नितिन देव महाराज चित्रकूटधाम ने कहा कि विद्वान और विद्यावान होने के अंतर को समझ लेना जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी होता है। सभी कहते हैं कि रावण बहुत विद्वान था,लेकिन कोई यह नहीं कहता है कि रावण बहुत विद्यावान था। विद्वान व्यक्ति की यह पहचान होती है कि उसमें अहंकार भरा होता है और विद्यावान व्यक्ति की पहचान होती है कि उसमें नम्रता होती है,ममता होती है और वह झुकना जानता है। आप लोग अपने जीवन में हमेशा विद्यावान बनना, कभी भी विद्वान मत बनना। उन्होंने कहा कि आपके भाग्य में जो लिखा है उसे कोई टाल नहीं सकता है।
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