जब-जब होई धर्म कय हानी, बाढ़ें असुर महा अभिमानी
सादुल्लाहनगर। संवाददाता जब-जब व्यक्ति का विनाश आता है तब-तब वह धर्म की ओर...
सादुल्लाहनगर। संवाददाता
जब-जब व्यक्ति का विनाश आता है तब-तब वह धर्म की ओर विमुख होता है। वह स्वयं ईश्वर बन बैठता है, जिससे स्वयं तो दुख भोगता ही है वह अपने आसपास के वातावरण को भी दूषित करता है। यह कथा पंडित अजय कुमार शांस्त्री अयोध्या धाम ने श्री विराट सतचण्डी एवं श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में कही ।
विकास क्षेत्र रेहरा बाजार के नयानगर मे श्रीविराट सतचण्डी एंव श्रीमद्भागवत के छठे दिवसीय कथा मे पंडित अजय कुमार शांस्त्री ने कहा कि कंस ने अपने पिता राजा उग्रसेन का राजपाट छीनकर अपने पिता को ही बंधक बनाकर कारागार में डाल दिया है। मां बाप का जब सस्कार संस्कृति पुत्र के प्रति नही होता यह धर्म हानि के कारण होती है। इस अवसर पर यज्ञाचार्य पंडित निंरकार त्रिपाठी, यजमान श्यामनरायण वर्मा, सुनील कुमार, दीपू वर्मा, अर्जुन सिंह, विद्या चरण शुक्ल, आदर्श, उग्गर तिवारी, मनीष सहित अन्य धर्म प्रेमी उपस्थित रहे।