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20 घंटे की बरसात में जनजीवन अस्त-व्यस्त, फसलों का नुकसान

बलरामपुर। संवाददाता बुधवार देर रात जिले में शुरू हुई बरसात गुरुवार देर शाम...

बलरामपुर। संवाददाता 
 बुधवार देर रात जिले में शुरू हुई बरसात गुरुवार देर शाम...
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Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बलरामपुरFri, 17 Sep 2021 03:00 AM
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बलरामपुर। संवाददाता

बुधवार देर रात जिले में शुरू हुई बरसात गुरुवार देर शाम तक होती रही। करीब 20 घंटे से हो रही बरसात के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। धान व गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है। तेज पुरवा हवाओं ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। कई स्थानों पर बिजली के खंभे एवं तार पेड़ों पर गिरने से आवागमन बाधित रहा। कई स्थानों पर विद्युत आपूर्ति ठप होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के निचले स्थानों पर जलभराव होने से आवागमन प्रभावित रहा।

जिले में बुधवार रात 11 बजे से तेज हवाओं के साथ हल्की बरसात शुरू हुई। गुरुवार सुबह छह बजे से मूसलाधार वर्षा शुरू हो गई। जो पूरा दिन लगातार होती रही। बारिश से नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न स्थानों पर जलभराव होने से लोगों को आवागमन में परेशानियां उठानी पड़ी। हरिहरगंज से जबदहा जाने वाले मार्ग पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। कई प्रमुख मार्गों पर पेड़ों के गिरने से आवागमन बाधित रहा। तेज हवाओं के साथ करीब 20 घंटे तक हुई बरसात ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। इस बार समय-समय पर वर्षा होने से फसल के अच्छी पैदावार की संभावना किसान जता रहे थे। सितंबर माह में धान की फसल की बालियों में फूल आने शुरू हो जाते हैं। इस महीने के आखिरी तक सभी किस्त के धानों में पूरी तरह से बालियां निकल आती हैं। वर्षा के साथ तेज हवाओं के चलने से धान की फसल में लगे फूल गिरने लगते हैं, जिससे धान की बालियां सूख जाती हैं। फसल के पैदावार में भी गिरावट आती है। तेज हवाओं के चलने से धान व गन्ना फसल जमीन पर गिर जाती है, जिससे फसलों को काफी नुकसान होता है। जबदही निवासी किसान राम बहादुर व ऋषिकेस एवं रघवापुर निवासी अजय शुक्ला व राजू ने बताया कि तेज हवाओं के साथ बरसात होने से धान व गन्ना फसल जमीन पर गिर गई है। कुछ दिनों पूर्व आई बाढ़ का पानी अभी भी खेतों में भरा है, जिससे फसलों के नष्ट होने की संभावना है। बताया कि अधिकांश धान की फसलों में फूल आना शुरू हो गया था। तेज हवाओं के चलने से धान फूल गिर गए हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा।

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नगर व ग्रामीण क्षेत्र में मार्गों पर जलभराव

बुधवार रात से शुरू हुई बारिश से ग्रामीण क्षेत्र के कच्चे मागार्ें एवं नगर क्षेत्र की गलियों में कीचड़ एवं जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। साफ-सफाई व जल निकासी की सुविधा न होने के कारण लोगों को कीचड़ व जलभराव से होकर गुजरना पड़ा। हरिहरगंज, ललिया, मथुरा, महराजगंज व हर्रैया सहित अन्य कस्बों व बाजारों में कीचड़ व जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाने के कारण राहगीरों सहित कस्बा वासियों को परेशानी उठानी पड़ी। इसी तरह नगर के विभिन्न मोहल्लों टेढ़ीबाजार, तुलसीपार्क, सिविल लाइन, खलवा सहित नगर के मुख्य वीर विनय चौराहा पर जलभराव हो गया। जल निकासी की सुविधा न होने के कारण गंदा पानी प्रमुख मार्गों व गलियों में जमा हो गया, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नगर वासियों ने नपाप प्रशासन से जलभराव की समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की है।

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वृक्ष गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित

बुधवार देर रात तेज हवाओं के साथ बरसात होने से कई जगहों पर पेड़ व बिजली पोल गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।

उतरौला नगर केमोहल्ला गांधी नगर गोण्डा मार्ग पर भीषण आंधी-पानी के कारण पुराना इमली पेड़ टूटकर बिजली तार पर गिर गया। पेड़ गिरने व बिजली तार टूटने से लोगों का आवागमन बाधित हो गया। तार टूटने के कारण देर रात से ही विद्युत आपूर्ति बाधित है। भारी वर्षा के कारण बिजली तार गुरुवार तक जोड़ा नहीं जा सका। करीब 20 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप होने से क्षेत्रवासियों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी तरह रघवापुर-जबदहा मार्ग, शंकरपुर-खुटेहना मार्ग पर पेड़ गिरने से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर क्षेत्र के पूरबटोला, पहलवारा, सिविल लाइन, वीर विनय चौराहा आदि मोहल्लों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।

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कच्चे रास्तों पर भारी कीचड़ व जलभराव

ललिया संवाददाता के अनुसार तराई में लगातार आठ घंटे से अधिक वर्षा होने के कारण कई प्रमुख कच्चे रास्ते पर कीचड़ व जलभराव हो गया। डिपों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे आवागमन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ललिया-भवनियापुर, ललिया- बनघुसरी, भौरही-ललिया, मकुनहवा-इटैहिया मार्ग पर कीचड़ होने से राहगीरों का आवागमन बाधित हो गया है। ललिया-हरिहरगंज मार्ग के लौकहवा डिप पर आधा फीट पानी बह रहा है। झिन्ने नाला डिप पर एक फीट पानी बह रहा है, जबकि बलदेवनगर-प्रतापपुर मार्ग पर दो फीट पानी। ग्राम पंचायत त्रिकौलिया के प्रधान घनश्याम, अमरजीत, मोहम्मद इस्माईल, यज्ञ कुमार, श्रवण कुमार, राधेश्याम व बृजलाल ने बताया कि बलदेवनगर-प्रतापपुर मार्ग के बीच खैरनाला पर आजादी के बाद से आज तक पुलिया नहीं बनी। वर्षों से ग्रामीण पानी में होकर आने-जाने को मजबूर है। कहा कि बरसात में गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती। उतरौला संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया। नगर के कई मोहल्ले और सड़क पूरी तरह से ताल तलैया बन गए। बारिश के चलते श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा के पास मनकापुर मार्ग पर पानी से सड़क डूब गई। जल निकासी की व्यवस्था न होने से तहसील परिसर में जलभराव हो गया। सबसे बुरा हाल मोहल्ला आर्यनगर के काजी मार्केट का है, यहां दुकानों के सामने जलभराव होने से ग्राहकों व दुकानदारों को परेशानी झेलनी पड़ी।

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वर्षा को लेकर एलो अलर्ट जारी

जिला प्रशासन ने करीब 20 घंटो से हो रही बरसात के मद्देनजर एलो अलर्ट जारी किया है। एडीएम राम अभिलाख ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से पिछले 48 घंटों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। तेज पुरवा हवाओं के साथ हो रही बरसात से पिछले 48 घंटों तक बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। जिलावासी अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। बिजली चमकने पर सुरक्षित स्थानों पर रुके। बारिश से यदि कोई समस्या होती है तो इसकी सूचना प्रशासन को दें।

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बरसात व हवा के कारण धान व गन्ना फसलें गिरी

जिला कृषि अधिकारी आरपी राणा का कहना है कि बरसात के साथ तेज हवाओं के चलने से जिले के कुछ स्थानों पर धान फसलों को नुकसान पहुंचा है। करीब 15 प्रतिशत धान की फसलों में फूल आने शुरू हो गए थे। बरसात व हवा के कारण फसलों के गिरने की संभावना है, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा। पांच दिन से तेज हवाएं जिले में चल रही हैं, जिसके चलते धान व गन्ना फसल खेत में गिर गई हैं। गन्ना फसल को किसान खड़ा कर लेंगे, लेकिन धान को भारी नुकसान होगा।

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