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Hindi News उत्तर प्रदेश बलरामपुरतराई व भांभर के लिए वरदान साबित होगी सिंचाई परियोजना

तराई व भांभर के लिए वरदान साबित होगी सिंचाई परियोजना

हर्रैया सतघरवा। संवाददाता लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...

हर्रैया सतघरवा। संवाददाता
 लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
1/ 4हर्रैया सतघरवा। संवाददाता लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
हर्रैया सतघरवा। संवाददाता
 लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
2/ 4हर्रैया सतघरवा। संवाददाता लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
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हर्रैया सतघरवा। संवाददाता
 लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
4/ 4हर्रैया सतघरवा। संवाददाता लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को...
हिन्दुस्तान टीम,बलरामपुरSun, 05 Dec 2021 10:30 PM
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हर्रैया सतघरवा। संवाददाता

लगभग 49 साल बाद शुरू होने जा रही सिंचाई परियोजना को लेकर किसान खुश हैं। तराई व भांभर के असिंचित क्षेत्र के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी। किसानों को अब फसलों की सिंचाई के लिए प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर नहीं रहना होगा।

जिले का तुलसीपुर आंशिक, हर्रैया सतघरवा, गैसड़ी व पचपेड़वा क्षेत्र असिंचित माना गया है। इन क्षेत्रों में पहाड़ की जड़ें फैली होने के कारण बोरिंग कराना मुश्किल होता है। इन ब्लाकों में राजकीय नलकूप तो लगे हैं। लेकिन गर्मी आते-आते उनके हलक सूखने लगते हैं। बलरामपुर राज परिवार की ओर से इन क्षेत्रों में फसलों की सिंचाई के लिए जलाशयों का निर्माण कराया गया था। सिल्ट जमा होने के कारण फसलों की समुचित सिंचाई नहीं हो पाती। परियोजना पूरी होने पर किसानों ने खुशी का इजहार किया है।

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सिंचाई साधन न होने से बढ़ जाती है फसलों की लागत

कृष्णधर द्विवेदी बताते हैं कि सिंचाई साधन न होने से फसलों की लागत बढ़ जाती है। सिंचाई में काफी पैसा खर्च होता है। नहर का संचालन शुरू होने पर किसान खुशहाल होंगे। परमेश्वर दत्त ने बताया कि कभी-कभी पानी के बिना फसलें मर जाती थीं। किसान पूरी तरह प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर हो जाता है। नहर के चलने पर सिंचाई की दिक्कत खत्म हो जाएगी। राम धीरज का कहना है कि सरकार की यह परियोजना महत्वपूर्ण है। सिंचाई की सुविधा मिलने किसानों की समस्या कम हो जाएगी। किसान खुशहाल होंगे तभी देश में खुशी आएगी। दौलतराम ने बताया कि परियोजना शुरू होने पर फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों की आर्थिक तंगी कम होगी। धान का उत्पादन भी बढ़ेगा।

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