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जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनारक्षित, बढ़ी सरगर्मी

होगा मुकाबला इस बार सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों की नजर जिला पंचायत

जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनारक्षित, बढ़ी सरगर्मी
हिन्दुस्तान टीम,बलरामपुरSat, 13 Feb 2021 03:01 AM
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होगा मुकाबला

इस बार सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर होगी

जिले में अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर महिलाओं का रहा है दबदबा

बलरामपुर। अविनाश त्रिपाठी

बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण शुक्रवार को शासन ने निर्धारित कर दिया है। इस बार बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित रखी गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों की नजर इस बार जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर होगी। आरक्षण निर्धारित होने के बाद से ही न सिर्फ जिला पंचायत चुनाव को लेकर गहमा-गहमी शुरू हो गई हैं, बल्कि कई लोग चुनाव लड़ने की जुगत में भी जुट गए हैं।

12 जनवरी 2021 को बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल रात 12 बजे से समाप्त हो गया था। वर्ष 2016 में बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद को कब्जाने के लिए तत्कालीन सत्ता रूढ़ दल समाजवादी पार्टी ने हर हथखंडे अपनाए थे। पिछले चुनाव में सिर्फ दो प्रत्याशी मैदान में थे। पहला समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में रमावती देवी मैदान में थी जिसके लिए पूरी सत्ता अपनी ताकत झोकी हुई थी। जिला पंचायत की सीट कब्जाने को लेकर उप्र शासन के कई तत्कालीन मंत्री जिले में डेरा डाले हुए थे। वहीं दूसरी ओर डा. अनुराग यादव समर्थित प्रत्याशी जगरानी देवी मैदान में थी। दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला था। इस चुनाव में तत्कालीन सत्ता रूढ़ दल समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी रमावती देवी को चुनाव जिताने में कामयाब हो गई थी। 13 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद तमाम लोग आरक्षण निर्धारित होने का इंतजार कर रहे थे। गुरुवार को उप्र शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण निर्धारित करते हुए इस सीट को सामान्य वर्ग के लिए घोषित कर दिया है। सूबे में भाजपा की सरकार है। जिला पंचायत चुनाव में हमेशा से सत्ता का ही दबदबा रहा है। भाजपा के कई नामी गिरामी लोग इस बार जिला पंचायत की कुर्सी पर बैठने का सपना संजोय हुए हैं। देखने वाली बात यह होगी कि इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद का सेहरा किसके सिर पर सजेगा। इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्षी के चुनाव को लेकर राजनीतिक विषात की गोटियां बिछनी शुरू हो गई हैं।

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