बलरामपुर:कोरोना काल में घटी परिवहन निगम की आय
कोरोना काल में परिवहन निगम की आय घट गई है। यात्रियों को कोरोना से बचाने के लिए परिवहन निगम का खर्च बढ़ा है। बसों को सैनिटाइज कराने व यात्रियों को हाथ धुलवाने के लिए कर्मियों को समय गवाना पड़ रहा है।...
कोरोना काल में परिवहन निगम की आय घट गई है। यात्रियों को कोरोना से बचाने के लिए परिवहन निगम का खर्च बढ़ा है। बसों को सैनिटाइज कराने व यात्रियों को हाथ धुलवाने के लिए कर्मियों को समय गवाना पड़ रहा है। शुक्रवार को हिन्दुस्तान ने राडवेज बस अड्डे का जायजा लिया तो यात्रियों की भीड़ कम दिखी।
वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी तरन्नुम ने बताया कि कोरोना काल के चलते रोडवेज विभाग की आय कम हो गई है। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की कड़ी चुनौती भी है। उन्होंने बताया कि बसों को प्रतिदिन धुलवाया जाता है तथा सैनिटाइज कराया जाता है। प्रत्येक चालक-परिचालक को पांच सौ एमएल सैनिटाइजर सवारियों को हाथ धुलवाने के लिए दिया जाता है। इससे प्रतिदिन 20 से 25 लीटर सैनिटाइजर की खपत होती है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते जून-जुलाई से विभाग के आय की सबसे खराब स्थिति थी। बताया कि एक माह में करीब ढाई करोड़ आय होती थी लेकिन जून-जुलाई से करीब एक माह में डेढ़ करोड़ रुपए की आय हो रही है। कहा कि पहले से सुधार हुआ है लेकिन आज भी लगभग दस प्रतिशत आय का नुकसान हो रहा है।
परिवहन निगम में यात्रियों के लिए मास्क उपलब्ध
वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी का कहना है कि प्रत्येक शनिवार व रविवार को प्रतिबंधित दिन होने के कारण खासा असर होता है। उनका कहना है कि पहले 76 बसों का संचालन करके सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता था लेकिन कोरोना काल के चलते 15 बसें कम चल रही हैं तथा तीन बस खराब हैं। उनका कहना है कि लखनऊ के लिए पहले 22 अब 17, बहराइच के लिए पहले 6 अब 4, उतरौला पहले 9 अब 6, गोण्डा के लिए पहले 3 अब 2, दिल्ली के लिए 5, सिरसिया 2, कोयलाबासा 2, बढ़नी 4, इटवा 2 कुल 58 बसों से सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना कड़ी चुनौती है। सवारियों की भीड़ बढ़ने पर बसों को बढ़ा दिया जाता है। उनका कहना है कि शासन के गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क के लिए सवारियों को जागरूक भी किया जाता है। कार्यालय में लगे लाउड स्पीकर से उद्घोषणा की जाती है। बिना मास्क के सवारियों को बस में सफर नहीं करने दिया जाता है। उनका कहना है कि कार्यालय में मास्क उपलब्ध हैं। जिन सवारियों को जरूरत होती है वह खरीद लेते हैं। उन्होंने बताया कि जनपद के सभी सब डिपो को प्रतिदिन सैनिटाइज भी कराया जाता है।
बिना मास्क लगाए यात्रियों को न मिले टिकट
प्रिंस पांडेय कहते है कि रोडवेज विभाग को सोशल डिस्टेंसिंग पालन के साथ ही बसों में स्थान देना चाहिए। परिचालक बसों को रास्ते में रोकते हैं तथा यात्री सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करके इकट्ठा बैठ जाते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है। मोहम्मद इदरीश का कहना है कि बिना मास्क के परिचालक द्वारा लोगों को यात्रा टिकट दे दिया जाता है जबकि शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार बिना मास्क के बाहर निकलने पर कार्रवाई होती है। जिसका पालन रोडवेज विभाग को भी करना चाहिए। राकेश मोदनवाल का कहना है कि बसों में सैनिटाइजर मशीन लगाई जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक यात्री आवश्यकता पड़ने पर अपने हाथ सैनिटाइज कर सकें। उनका कहना है कि प्रत्येक यात्रियों को भी सैनिटाइजर लेकर चलना चाहिए। विजय श्रीवास्तव का कहना है कि रोडवेज कार्यालय पर भी पुलिस कर्मी की तैनाती होनी चाहिए ताकि अगर कोई यात्री सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन न करें तो उसके विरुद्ध दंडनात्मक कार्रवाई हो।