बुधवार देर शाम से जिले भर में मूसलाधार वर्षा शुरू हुई। गुरुवार को पूरे दिन तेज हवाओं के साथ बारिश होने से फसलों पर मिला-जुला असर हुआ है। तेज हवाओं के चलने से तैयार धान फसल जमीन पर गिरकर खराब हो गई। वहीं जिन धान की फसल में बाली नहीं आई है उन्हें फायदा पहुंचा है। वहीं निचले स्थानों पर जलभराव होने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हुई। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित रही। दो दिनों से हो रही वर्षा के कारण तराई के पहाड़ी नाला खरझार उफना गया, जिससे आधा दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस गया।
बुधवार सुबह से ही आसमान में बदली छाई रही। हल्की बूंदाबांदी होने से मौसम खुशनुमा रहा। देर शाम तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई जो रुक-रुककर पूरे दिन होती रही। बरसात से मुख्यालय सहित अन्य निचले स्थानों पर जलभराव हो जाने से लोगों को दिक्कत हुई। किसानों के मुताबिक तेज हवाओं के साथ बरसात से तैयार धान की फसल जमीन पर गिरकर खराब हो गई। फसल के दाने काले पड़ जाने से उत्पादन प्रभावित होगा। जिन धान फसलों में अभी बाली नहीं आई है, उन्हें लाभ पहुंचा है। इसके अलावा मक्का, गन्ना, केला आदि फसलों को बारिश से फायदा हुआ है। जिला कृषि अधिकारी मंजीत बताते हैं कि इस समय की बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है। हालांकि तेज हवा चलने के कारण जो फसल जमीन पर गिर गई है उसे नुकसान पहुंचा है। उतरौला संवादसूत्र के अनुसार बुधवार शाम से तेज हवा के हो रही बारिश से नगर के आर्यनगर, सुभाषनगर, रफीनगर व पटेलनगर मोहल्लों में जलभराव हो गया। तुलसीपुर संवादसूत्र के अनुसार बारिश के कारण नगर व ग्रामीण इलाकों में जलभराव की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा। महुआ बाजार संवादसूत्र के अनुसार पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश से खेत जलमग्न हैं। अतिवृष्टि से किसान परेशान हैं। इस वर्ष कम बारिश की आंशका में किसानों ने कम पानी में लगने वाले अगैती धान की फसल बोई थी। लगातार हो रही बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। प्रगतिशील कृषक कृष्ण कुमार, सुफियान, वीरेंद्र कुमार, इफ्तिखार अहमद आदि ने कहा कि अगैती धान की फसल पक गई थी जो तेज हवा के साथ बारिश से खेत में गिर गई। किसानों ने जिला प्रशासन से अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की है।
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बाढ़ से कई मार्गों पर आवागमन बाधित
महाराजगंज तराई संवादसूत्र के अनुसार बुधवार देर शाम शुरू हुई बारिश से गुरुवार दोपहर पहाड़ी नाला खरझार नाला में उफान आ गया। नाले की बाढ़ का पानी रामगढ़ मैटहवा, शांतिनगर, साहेबनगर, हरिहरनगर, सुगानगर, दांदव, बल्दीडीह, औरहिया, लहेरी, विजयीडीह, लालबोझी व रूपनगर गांव में घुस गया। जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ा। ग्रामीण पवन कुमार, जीवनलाल, तुलाराम, रामवृक्ष, रामगोपाल, प्रभुराम व बड़का आदि ने बताया कि वर्षाकाल में अक्सर पहाड़ी नाले में उफान से क्षेत्र के गांव घिर जाते हैं। फसलों के नुकसान के साथ कई दिनों तक लोगों का आवागमन बाधित रहता है। इस सम्बन्ध में तुलसीपुर एसडीएम विनोद सिंह ने बताया कि पहाड़ी नाले में आए बाढ़ की निगरानी कराई जा रही है।
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उमस भरी गर्मी से मिली राहत
गौरा चौराहा संवादसूत्र के अनुसार बारिश से क्षेत्रवासियों को उमस भरी से गर्मी से राहत मिली है। वहीं तेज हवाओं के कारण धान फसल गिरने से आंशिक नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से करीब पांच दर्जन गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। ललिया संवादसूत्र के अनुसार तराई में रुक-रुककर रुक-रुक कर हुई बरसात से फसलों को लाभ मिला है। वहीं जलभराव के चलते कच्चे रास्ते पर निकलना मुश्किल हो गया है। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से क्षेत्र में बीते दो दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित है। पचपेड़वा संवादसूत्र के अनुसार बुधवार शाम शुरू हुई रुक-रुक कर हवाओं के साथ हुई बारिश से फसलों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। साथ कई गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। कृषि विज्ञान केन्द्र पचपेड़वा के वैज्ञानिक डा. अंकित तिवारी ने बताया कि बरसात शुक्रवार तक जारी रहेगी।