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बलरामपुर:दो दर्जन गांव में राप्ती नदी की कटान का खतरा बढ़ा

राप्ती नदी के कटान का सिलसिला लगातार जारी है। सदर व उतरौला तहसील के दो दर्जन गांव के पास नदी कटान कर रही हैं। कटान से सदर तहसील के कल्यानपुर, गोसाईपुरवा, मदारा, ढोढरी व उतरौला तहसील के गोनकोट, परसौना...

बलरामपुर:दो दर्जन गांव में राप्ती नदी की कटान का खतरा बढ़ा
हिन्दुस्तान टीम,बलरामपुरSun, 02 Aug 2020 09:33 PM
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राप्ती नदी के कटान का सिलसिला लगातार जारी है। सदर व उतरौला तहसील के दो दर्जन गांव के पास नदी कटान कर रही हैं। कटान से सदर तहसील के कल्यानपुर, गोसाईपुरवा, मदारा, ढोढरी व उतरौला तहसील के गोनकोट, परसौना गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। अब तक तीन दर्जन से अधिक मकान नदी में समा चुके हैं। करीब एक दर्जन लोगों ने कटान के भय से अपना आशियाना स्वयं ही उजाड़ लिया है। करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद भी जिम्मेदार कटान को रोक पाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं।

बरसात के मौसम में राप्ती नदी तटवर्ती गांव के लिए अभिशाप बन जाती है। नदी के कटान से हजारों बीघे कृषि योग्य भूमि व फसलें एवं सैकड़ों मकान हर साल राप्ती में समा जाते हैं। कटान को रोकने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी अब तक समस्या का स्थायी निदान नहीं हो सका। बाढ़ खंड व जिले के उच्चाधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा नदी के तटवर्ती गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हर साल कटान व बाढ़ के समय जनप्रतिनिधि एवं जिले के अधिकारी मौके तक जाकर पीड़ितों को आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर वापस लौट जाते हैं। इसके बाद पूरे साल कटान पीड़ितों का कोई पुरसाहाल नहीं होता। इस बार नदी एक महीने से सदर तहसील के कल्यानपुर, गोसाईपुरवा, लालपुर फगुईया, ढोढरी, जमालीजोत, मदारा, बेलहा, भकचहिया, रामपुर, मिर्जापुर एंव उतरौला तहसील के परसौना, गोनकोट, बौड़िहार, मझारी सहित दो दर्जन गांव पर कटान कर रही है। कटान के भय से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। बाढ़ खंड विभाग की ओर से कटान को रोकने के लिए रेत भरी बोरियां एंव झाड़-झंखार नदी में डाला जा रहा है, जो पानी के साथ बह जाता है।

एसडीएम ने कटान प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा

सदर एसडीएम डा. नागेन्द्र नाथ यादव ने शनिवार देर शाम राप्ती नदी की कटान से प्रभावित गांव का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कल्यानपुर में मंसाराम, काशीराम, मिश्रीलाल, बंसी, कल्लू, पन्नालाल, अयोध्या, रामउजागर, राजितराम सहित करीब पचीस लोगों के मकान नदी में समा चुके हैं। नदी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के समीप बह रही है। विद्यालय पर कटान का खतरा अधिक है। गोसाईपुरवा में करीब आठ लोगों का मकान नदी में समा चुका है। एसडीएम ने कटान पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। गांव में तीन नावें लगाई गई हैं। राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश बाढ़ राहत खंड के अधिशासी अभियंता को दिया। एसडीएम ने बताया कि सदर तहसील के कठौवा, कोड़री, काशीपुर, बेलहा, दतरंगवा, तुरकौलिया, रेहार, कटरा, शंकरनगर, दुल्हापुर-बल्लीपुर, व भीखमपुर गांव में नावें उपलब्ध करा दी गई हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व निरीक्षक व हल्का लेखपाल के माध्यम से क्षति का आकलन कराया जा रहा है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

राप्ती नदी की कटान से प्रभावित गांव में राहत कार्य किया जा रहा है। कल्यानपुर व गोसाईपुरवा में युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। कोड़री घाट व बेलहा-गौरा मार्ग पर कटान को रोकने का कार्य किया जा रहा है। कटान को रोकने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

केके दिवाकर, अधिशासी अभियंता बाढ़खंड बलरामपुर

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