29.36 करोड़ से पिछले साल हुआ था काम
दूबेछपरा बंधे पर विभाग ने अभी पिछले वर्ष ही 29.36 करोड़ की लागत से कटानरोधी कार्य कराया है। कार्य के शुरुआती दिनों से ही ग्रामीणों ने अनियमितता का आरोप लगाना शुरू कर दिया था, जो अंत तक चला। ग्रामीणों...
दूबेछपरा बंधे पर विभाग ने अभी पिछले वर्ष ही 29.36 करोड़ की लागत से कटानरोधी कार्य कराया है। कार्य के शुरुआती दिनों से ही ग्रामीणों ने अनियमितता का आरोप लगाना शुरू कर दिया था, जो अंत तक चला। ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों ने रा कार्य में की जा रही लूट-खसोट को गम्भीरता से लिया होता तो इस बंधे का हश्र ऐसा नहीं हुआ होता।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कार्य के शुरुआती दिनों से ही विभाग व ठेकेदारों की मिलीभगत से कटानरोधी कार्य के लिये शासन से आये धन की लूट शुरू हो गयी। नदी में डाली जा रही बोरियां मानक के अनुरूप नहीं भरी जा रही थीं। यही नहीं, मडपम्प के द्वारा बोरियों के चार से पांच फीट के गैप को केवल बालू से ही भर दिया जा रहा था। हद तो ये हो गयी थी कि रात के वक्त ग्रामीणों के मौके से हटते ही कैरेट की जगह खाली बोरी ही नदी में डाल दी जा रही थी।
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी के साथ ही क्षेत्रीय विधायक से भी की। विधायक ने अपनी जांच में ग्रामीणों की शिकायत को सही पाकर विभागीय अधिकारियों के साथ ही ठेकेदार को भी फटकार लगायी थी। इतना सबके बावजूद कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया। नतीजा यह कि एक बार फिर बंधे पर खतरा मंडराने लगा है।