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बलिया में जल जमाव से कैद हुई हजारों की आबादी

तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश के चलते शहर के निचले मुहल्लों से लगायत सरकारी दफ्तरों, स्कूलों व आवासों में पानी भरी गया है। इसके चलते लोग अपने घरों में रहने को मजबूर...

बलिया में जल जमाव से कैद हुई हजारों की आबादी
हिन्दुस्तान टीम,बलियाFri, 25 Sep 2020 10:21 PM
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तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश के चलते शहर के निचले मुहल्लों से लगायत सरकारी दफ्तरों, स्कूलों व आवासों में पानी भरी गया है। इसके चलते लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। शहर के कई मुहल्लों के साथ ही आसपास के नगरीय स्वरूप वाली कई कालोनियों के हजारों लोग भारी जल जमाव के चलते घरों में कैद हो गए हैं। कई जगह कालोनी के लोगों ने मुख्य सड़क से अपने घर तक जाने के लिए आपस में सहयोग राशि जुटाकर बांस का अस्थायी पुल तैयार किया है। इसी से होकर वे अपने जरूरत के सामानों को ले जा रहे हैं। इससे हादसे का डर भी बना रह रहा है।

भारी बारिश के बीच शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान टीम ने शहर के कुछ कॉलोनियों की पड़ताल की। इस दौरान जो नजारा दिखा, वह बेहद खौफनाक था। तिखमपुर मंडी से सटे शिवविहार कॉलोनी में कहीं घुटने भर तो कहीं कमर तक पानी लगा था। कई घरों के लोग ताला बंद कर शहर के दूसरे हिस्सों में रहने को मजबूर हैं। लोगों ने आपसी चंदा से बांस-बल्ली का रास्ता बनाया है। कुछ लोग घुटने भर पानी के बीच अपने घरों में कुर्सी पर बैठकर बातचीत करते नजर आए। महिलाएं घर में घुसे पानी के बीच चौकी-पलंग पर बैठकर दिन काट रही हैं।

यही स्थिति विवेकानंद कॉलोनी में भी नजर आयी। जमा पानी पर काई लग गयी है। इसी के बीच से होकर लोग जरूरी काम के लिए आवाजाही कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि हर साल बरसात में स्थिति ऐसी होती है, इस बार थोड़ा ज्यादा है। नगरपालिका के काजीपुरा, मिश्र नेवरी सहित तमाम ऐसे मुहल्ले हैं, जहां के लोग महीनों से जल जमाव के बीच घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।

पम्प से निकाला जा रहा एसपी आफिस का पानी

बलिया। जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में घुटने भर पानी भर गया है। इसके चलते दफ्तर में आने-जाने में सहकर्मियों के साथ साहब को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आला अधिकारी होने के नाते दिन में ही एडिशनल सहित अन्य पुलिस अधिकारी आनन-फानन में पम्प लगाकर पानी उड़ेलने में व्यस्त दिखे। इसी तरह 112 नंबर पुलिस के कार्यालय में पानी भरा हुआ है। जहां आने-जाने में लोगों को काफी कठिनाई हो रही थी।

सरकारी दफ्तर, स्कूल-कालेज बने झील

अनवरत बारिश के चलते पीडब्लूडी डाक बंगला में घुटने भर पानी भर गया है। जबकि राजकीय बालिका विद्यालय में पानी के बीच से ही शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी आने-जाने को विवश दिखे। बीएसए कार्यालय परिसर में भी पानी लगा है। इसके चलते कार्यालय तक पहुंचने में कर्मचारियों व परिसर में संचालित होने वाले स्कूलों में अध्यापकों को जाने में काफी दिक्कत हो रही है। जिला प्रशासन या नगरपालिका की ओर से जल भराव से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।

दो माह से संड़ाध पानी के बीच घरों में रह रहे लोग

बलिया। गांव से निकलने के बाद लाखों रुपये की जमीन खरीदकर सपनों का घर तैयार किया। अब इसे छोड़कर जाएं भी तो कैसे? जिस पोर्च में लग्जरी गाड़ी खड़ी करते थे, वहां बारिश के पानी ने कब्जा कर लिया है। उसी में कुर्सी लगाकर परिवार के सदस्य बतकुचन करने को लाचार हैं। ‘हिन्दुस्तान टीम पहुंची तो सबके दिल का दर्द जुबां पर आने लगा।

विवेकानंद कालोनी के गिरीश पांडे ने बताया कि घरो में दो माह से पानी लगा हुआ है। सुशील सिंह बंटी ने बताया कि ऐसे हालात हैं कि घर के बरामदे व कमरों में पहुंचे बरसात के पानी के बीच जीवन बाल-बच्चों के साथ कठिन हो गया है। घर छोड़कर भी कहीं जा नहीं सकते हैं। अजय राय व अश्वनी पांडे ने बताया कि कालोनी में कई माह से लगा पानी में काई लग गया है। अब पानी सड़ने से दुर्गध भी आ रहा है। मनोज सिंह, शमशेर सिंह, उपेन्द्र शुक्ल, राजेश मिश्र आदि ने सवाल किया कि आखिर जाएं भी तो कहां? रात होने से पहले ही पानी हेलकर घरो में पहुंचना मजबूरी है। घरो में संाप, बिच्छू आदि का डर अलग से हैं। कई घरो में कीड़े आ चुके हैं। पीएम से लेकर सीएम तक व मंत्री से लेकर डीएम तक कई बार पानी निकनवाने के लिए अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन पानी निकल नहीं सका है।

बगल के शिव बिहार कालोनी के घरों के तो कई परिवार ताला बंदकर दूसरी जगह चले गए हैं। यहां के राजेश पाठक, गिरिजा शंकर पाठक, रामेश्वर केशरी, गोविद गोंड, अतुल सिंह, अनुराग दूबे, मुन्ना आदि ने बताया कि दो माह से लगे पानी के बीच आने जाने के लिए एक लाख रुपये खर्च कर हमलोगों ने बांस का पुल बनवाया लेकिन अब घरो में पानी घुस जाने से पूरे परिवार पर आफत आ गयी है। अन्य कालोनियों के शंकर चौरसिया, अजय, रीना, बंटी आदि ने जिला प्रशासन से पानी निकास की के इंतजाम की मांग की।

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