बलिया। नव वर्ष का पहला सूरज शुक्रवार को निकलने के साथ ही मंगलमय कामनाओं का दौर शुरू हो गया। लोगों, खासकर युवाओं-युवतियों व बच्चों का उत्साह चरम पर था। दिन की शुरूआत मंदिरों में दर्शन-पूजन से हुई और उसके बाद जश्न का दौर शुरू हो गया। कोई पूरे परिवार के साथ नए साल की खुशियां मनाने पिकनिक स्पाटों की ओर निकल पड़ा तो युवाओं की टोली अपनी मस्ती में। पार्कों में यारों के साथ मौज ही नहीं, सुबह शहर के बाबा बालेश्वर मंदिर व हनुमान मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में भी इन युवाओं की मौजूदगी माहौल को खुशनुमा बना रही थी। इस बात का संदेश भी दे रही थी कि नए साल के जश्न व मस्ती के आलम में भी ये युवा अपनी परम्पराओं व आस्था से पूरी शिद्दत से जुड़े हैं।
दिन चढ़ा तो शहर से सटे जनेश्वर मिश्र उपवन (वन बिहार) जीराबस्ती व बसंतपुर स्थित शहीद स्मारक में हलचल बढ़ गयी। दोपहर होते-हाते इन दोनों स्थानों पर जाने वाली सड़कों पर वाहनों का रेला लग गया। यहां पूरे दिन मस्ती का दौर चला। महिलाओं व बच्चों ने वन विहार में झूला आदि के साथ मनोरंजन किया। 2020 को अलविदा कहने के साथ ही नर्व वर्ष के स्वागत का दौर तो मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया था। जैसे ही घड़ी की सूईयों ने 12 बजाया, शहर में आतिशबाजी का शोर सुनायी पड़ने लगा। नव वर्ष की सुबह होते ही स्नान के बाद लोगों ने मंदिरों की ओर रूख किया। इनमें बड़ी संख्या युवाओं की भी थी। शहर के बालेश्वर मंदिर व हनुमानगढ़ी पर लोगों का रेला उमड़ पड़ा था। पूरा वर्ष हंसी-खुशी से बीते, इसकी सभी ने मंगलकामना की। दर्शन-पूजन के बाद तमाम लोगों ने मंदिर के बाहर आकर दान पुण्य भी किया। अन्य छोटे-बड़े मंदिरों पर भी यही हाल रहा। शहर से सटे मां ब्रह्माणी देवी मंदिर भी पहुंचकर लोगों ने नये साल के लिए मां से आशीर्वाद मांगा।