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ड्रेजर मशीन में लगे कटर, कार्यस्थल पर पहुंचेगी आज, दो दिन में नदी की धारा मोड़ने में जुट जाएगी मशीन

गंगा की धारा मोड़ने को नदी में उतरी ड्रेजर मशीन सोमवार को गंगापुर घाट पर संसाधनों से लैस हो गयी। इसे आज (मंगलवार को) नदी उस पार कार्य के जीरो प्वाइंट पर पहुंचने की संभावना है। यह मशीन पिछले दिनों से...

ड्रेजर मशीन में लगे कटर, कार्यस्थल पर पहुंचेगी आज, दो दिन में नदी की धारा मोड़ने में जुट जाएगी मशीन
हिन्दुस्तान टीम,बलियाMon, 15 Jun 2020 06:02 PM
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गंगा की धारा मोड़ने को नदी में उतरी ड्रेजर मशीन सोमवार को गंगापुर घाट पर संसाधनों से लैस हो गयी। इसे आज (मंगलवार को) नदी उस पार कार्य के जीरो प्वाइंट पर पहुंचने की संभावना है। यह मशीन पिछले दिनों से हो रही खुदायी वाली जगह पर जल स्तर के नीचे से ड्रेजिंग कार्य करेगी।

बैराज खण्ड (वाराणसी) के अधिकारियों के अनुसार संसाधनों से लैस ड्रेजर मशीन मंगलवार को कार्यस्थल के जीरो प्वाइंट पर पहुंच जाएगी। सोमवार को इसमें कटर आदि लगा दिया गया। हालांकि इसे कार्य शुरू करने में अभी दो दिन का और वक्त लगेगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो कार्यस्थल पर कार्य प्रारम्भ करने के लिये इसकी सेटिंग आदि में दो दिन का वक्त लग जाता है। बताया कि इसकी कार्य क्षमता काफी अधिक होने के कारण दर्जन भर पोकलेनों द्वारा दी गयी लाईन भी कम पड़ जाती है। इसका मुख्य कार्य पोकलेनों द्वारा खुदायी कर दी गयी लाईन के अन्दर ड्रेजिंग कर धारा मोड़कर नयी दिशा देना है। क्षेत्रीय लोगों में शासन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से कटान से निजात की उम्मीद जगी है।

धीमी पड़ी गंगापुर में बचाव कार्य की रफ्तार

कार्य शुरुआत के चौथे ही दिन गंगापुर व सोनार टोला रामगढ़ के तहत हो रहे बचाव कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गयी। इसका कारण सुबह की हुई बारिश में मजदूरों का काफी कम आना बताया जा रहा है। सोमवार को दोनों साइटों पर चंद मजदूरों के साथ ही कार्य होता दिखा। वहीं बालू भरी ईसी बैग को नदी पार से लाने के लिये लगायी गयी नावों के मुण्डन संस्कार में फंस जाने से यह कार्य भी दोपहर बाद तक प्रभावित रहा।

15 जुलाई तक कार्य पूरा होने में संशय

गंगापुर व रामगढ़ के पास हो रहे बचाव कार्य की रफ्तार देखकर इसे निर्धारित 15 जुलाई तक पूरा होने में संशय बना हुआ है। ग्रामीणों को भय सता रहा है कि स्थिति इसी प्रकार बनी रही तो कार्य पूरा होने से पहले ही बाढ़ आ जाएगी और नदी भारी तबाही मचाना शुरू कर देगी।

कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल

काफी देर से शुरू हुए पिछली दोनों परियोजनाओं के तहत हो रहे बचाव कार्य की शैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। दरअसल लोहे की जालियों मे बोल्डर के सहारे होने वाले इन बचाव कार्य का प्लेटफार्म भी बालू भरी ईसी बैग से बनने है। जबकि मौके पर आलम यह है कि अभी प्लेटफार्म का कार्य पूरा हुआ नहीं कि दूसरी तरफ से बोल्डर द्वारा पिचिंग कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।

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