Swami Ramdas Maharaj Celebrates Krishna Janmashtami with Enthralling Tales and Divine Leelas श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन झूमे श्रोता, Balia Hindi News - Hindustan
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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन झूमे श्रोता

Balia News - 0 सोहर, भजन से ब्रजधाम बना राजसूय महायज्ञ डूहा विहरा में चल रहा 40 दिवसीय राजसूय महायज्ञ (सचित्र, पिक: 03) सिकंदरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। स्वामी रामदास

Newswrap हिन्दुस्तान, बलियाWed, 25 Dec 2024 12:32 AM
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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन झूमे श्रोता

सिकंदरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। स्वामी रामदास महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का वर्णन करते हुए श्रोताओं को बताया कि लीलाधर प्रेमी श्रीकृष्ण के अवतरित होते ही व्रज में सर्वत्र मंगल उत्सव मनाया जा रहा था। एक ओर व्रजवासी खुशी मना रहे थे, तो नंद बाबा धन धान्य लुटा रहे थे। चहुंओर सोहर भजन की प्रस्तुति से राजसूय महायज्ञ परिसर व्रजधाम के शक्ल में नजर आने लगा और श्रोता श्रीकृष्ण अवतरण की कथा सुन झूम उठे। डूहा विहरा स्थित वनखंडी नाथ परिसर में आयोजित महायज्ञ में रविवार की रात महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग में बताया कि भगवान को प्रेम से बुलाने पर वह दौड़े आते हैं। श्रीकृष्ण जन्म के उत्सव में मगन नंद को जब कंस के वार्षिक कर चुकाने की याद आयी तो वह चिंतित हो उठे, कंस का आतंक चरम पर था। लेकिन सब कुछ सहज हो गया। गर्गाचार्य ने नन्द की गोशाला में श्रीकृष्ण बलराम का नामकरण किया। बताया कि भगवान के कृपा के बिना सफलता नहीं मिल सकती। उदाहरण देते हुए बताया कि कंस को जब श्रीकृष्ण के अवतरित होने की जानकारी मिली तो वह नन्हें बच्चों को सफाया करने के लिए पुतना को भेजा। श्रीकृष्ण ने स्तनपान के बहाने उसे बालापन में ही मार डाला। इसी तरह शकटासुर, तृणावर्त आदि असुरों को एक के बाद एक को भेजता रहा लेकिन वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हुआ। महाराज ने नल कूबेर को सद्गति सहित अन्य प्रसंगों का वर्णन सुनाया।

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कन्हैया ने बहाने से यशोदा को कराया ब्रह्माण्ड दर्शन

सिकंदरपुर। राजसूय महायज्ञ में गोरखपुर से आयी स्वामी रामदास महाराज ने कहा कि प्रभु भक्तों पर अपनी कृपा करने के लिए बहाना ढूंढते हैं। व्रज में श्रीकृष्ण अपने नित्य नई-नई लीलाओं से व्रजवासियों को आश्चर्य चकित करने लगे। माता यशोदा माखन चोरी, मटकी फोड़ की उलहाना से परेशान हो गयी, तो मिट्टी खाता देख डांटने और मुख दिखाने के बहाने ब्रह्माण्ड का दर्शन करा दिए। इसी तरह श्रीराम ने भी माता कौशल्या को विश्व ब्रह्माण्ड का दर्शन कराया था।

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