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कार्यमुक्त सचिव ने निकाले 48 लाख

ग्रामीण विकास के नाम पर सरकारी धन का किस कदर बंदरबांट किया जा रहा है इसका नमूना बेलहरी ब्लाक बेलहरी गांव में देखा जा सकता है। यहां तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी ने कार्यमुक्त होने के बाद भी ग्राम...

कार्यमुक्त सचिव ने निकाले 48 लाख
हिन्दुस्तान टीम,बलियाMon, 28 Aug 2017 05:38 PM
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ग्रामीण विकास के नाम पर सरकारी धन का किस कदर बंदरबांट किया जा रहा है इसका नमूना बेलहरी ब्लाक बेलहरी गांव में देखा जा सकता है। यहां तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी ने कार्यमुक्त होने के बाद भी ग्राम पंचायत के खाते से लाखों रुपये निकाल लिये। बेलहरी ग्रामपंचायत में तैनात रहे सचिव अक्षय कुमार मौर्य को स्थानांतरित कर चिलकहर भेज दिया गया था। सीडीओ के आदेश के अनुपालन में बीडीओ ने अक्षय को 30 मई को कार्यमुक्त कर दिया। उक्त तिथि के बाद भी सचिव ने ग्राम विकास के विभिन्न खातों से आहरण जारी रखा। सूत्रों की मानें तो 30 मई से एक जुलाई के बीच ग्राम सभा के विभिन्न खातों से तकरीबन 48 लाख रुपये निकाले गये। इसमें निर्मल भारत अभियान, ग्राम निधि (छह) के खाते से 29 व 30 जून को चार बार में करीब 29 लाख 52 हजार रुपये आहरित किये गये। 19 व 23 जून को दो बार में 40 हजार रुपये निकाले गये। इसके अलावा राज्य वित्त व चौदहवें वित्त के खातों से 31 मई से एक जुलाई के बीच 18 लाख 34 हजार 393 रुपये निकालने की पुष्टि हुई है। अकेले एक जुलाई को ही दो बार में छह लाख 34 हजार 393 रुपये आहरित किये गये हैं। सचिव ने करीब 91 हजार रुपये का भुगतान अपने नाम से लिया है। स्पष्टीकरण में सचिव ने खोली व्यवस्था की पोल बेलहरी से चिलकहर भेजा गया सचिव सरकारी धन का वारा-न्यारा करता रहा और जिम्मेदार मौन रहें। इसकी शिकायत डीडीओ तक पहुंची तो सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया। सचिव ने स्पष्टीकरण में व्यवस्था की पोल ही खोल दी। सीडीओ द्वारा स्थानान्तरण निरस्त किये जाने के आश्वासन का हवाला देते हुए सचिव ने धन आहरित करने की बात स्वीकारी है। लिखा है कि सीडीओ ने आश्वासन दिया था कि उनका स्थानांतरण निरस्त कर दिया जायेगा, वह जहां कार्य कर रहा है काम करता रहे। ट्रांसफर निरस्त कर बचायी नाक कार्यमुक्त होने के बाद भी सचिव द्वारा लाखों रुपये आहरित किया जाना विभागीय गलियारे में चर्चा का विषय बना है। इस बीच मामले को तूल पकड़ता देख विभाग ने किरकिरी से बचने के लिये ट्रांसफर के खेल में 'खेल' करते हुए स्थानांतरण निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। कोट मामला संज्ञान में है, सम्बंधित सचिव से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था, लेकिन जवाब गोलमटोल होने के कारण दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रही बात स्वयं के नाम भुगतान की तो ये सरासर गलत और नियम विरुद्ध है, इसके खिलाफ कार्रवाई अवश्य की जायेगी। शशिमौली मिश्र, डीडीओ

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