बोले बलिया: सीवर कार्य के ‘जख्म पर डाला उपेक्षा का ‘नमक
Balia News - कृष्णा नगर में व्यवसायिक गतिविधियों के बढ़ने के बावजूद, बुनियादी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं। सड़कें और गलियां खराब हैं, सफाई का अभाव है, और जलनिकासी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। स्थानीय निवासी...
शहर के रिहायशी क्षेत्र कृष्णा नगर में समय के साथ व्यावसायिक गतिविधियां इस हद तक बढ़ीं कि मोहल्ले की पहचान किराना गली के नाम से हो गई है। शहर के बीचोंबीच बसे होने के बावजूद मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं की कमी यहां के बाशिंदों को तकलीफ देती है। मुख्य सड़क से गलियां-सभी ऊबड़-खाबड़ हैं। सफाई बदहाल है। कूड़ा निस्तारण का इंतजाम नहीं। नालियां जाम होने से घरों का पानी निकलना भी मुश्किल। बारिश होने पर हालात बिगड़ जाते हैं। कई दिनों तक जलजमाव का दंश झेलना पड़ता है। कृष्णानगर (किराना गली) के लोगों की तकलीफें अन्य वार्डों से अलग तो नहीं हैं, लेकिन उनके समाधान के प्रति जिम्मेदारों की उपेक्षा का दर्द बड़ा है।
बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो वह दर्द जुबां पर आ गया। पुलकित श्रीवास्तव ने बताया कि यहां किराना की दुकानें अधिक हैं। रोजाना लाखों का कारोबार भी है, लेकिन ग्राहकों का दुकानों तक पहुंचना आसान नहीं होता। मोहल्ले में आने वाली प्रमुख सड़क ऊबड़-खाबड़ है। यही दशा गलियों की भी है। सीवर कार्य के लिए समय-समय की गई खोदाई और बीच में बने छोटे-छोटे चैम्बर ने इनकी शक्ल बिगाड़ कर रख दी है। रास्तों को बनवाने के लिए कई बार आवाज उठाई गई, लेकिन सुनवाई नहीं होती। सड़क खराब होने से पैदल चलना भी मुश्किल होता है। ई-रिक्शा वाले इन गलियों में आने से परहेज करते हैं। मोहल्ले का कोई बीमार हो गया तो उसे मुख्य सड़क तक लाना बड़ी चुनौती होती है। मंजू गुप्ता ने बताया कि जलनिकासी का भी उचित इंतजाम नहीं है। बारिश में स्थिति खराब होती ही है, घरों का पानी भी रास्तों पर ही फैलता है। नालियों की सफाई नहीं हो रही है। अमूमन बरसात शुरू होने से पहले यह काम हो जाता था, लेकिन इस बार नहीं हुआ। भोला गुप्त ने बताया कि सफाई के नाम केवल कोरम पूरा किया गया। अधिकांश नालियां जाम हैं। पंकज ने टूटी नालियों को दिखाते हुए कहा कि ये करीब 20 साल पहले की बनी हैं। मरम्मत के अभाव में टूटने लगी हैं। उनका पानी रास्तों पर ही फैलता है। उसी से होकर आना-जाना पड़ता है। तारों का जाल करता परेशान : लल्लू प्रसाद वर्मा ने बिजली से जुड़ी समस्याओं पर बात की। कहा कि बिजली आपूर्ति के लिए लगे पोल पर तारों का मकड़जाल बन गया है। एक ही खम्भे पर बिजली के अलावा वाई-फाई और टीवी के तार भी बांध दिए गए हैं। फॉल्ट होने पर अपना केबल खोजना आसान नहीं होता। अधिकतर डीपी बॉक्स भी खुले हैं। इसके चलते बारिश का पानी अंदर जाने से फॉल्ट अधिक होता है। गड़बड़ी को ठीक कराने के लिए मोहल्ले के लोगों को आपस में चंदा जुटाना पड़ता है। विजय गुप्त ने बताया कि नियमत: बिजली के खम्भों का उपयोग अन्य तारों के लिए नहीं करना चाहिए लेकिन यहां कोई ‘माई-बाप नहीं है। पोल पर लगी स्ट्रीट लाइट भी दुरुस्त नहीं हैं। आए दिन खराब रहती हैं। कूड़ा उठता, न होती फाॅगिंग : पंकज कुमार गुप्त ने बताया कि डोर-टु-डोर कूड़ा उठान की बात तो रहने ही दीजिए, नियमित झाड़ू भी नहीं लगती। जगह तय नहीं होने से लोग जहां-तहां खाली जगह या सड़कों के किनारे कचरा रखते हैं। उसे उठाने भी गाहे-बगाहे कोई आता होगा। डस्टबिन खोजने से भी नहीं मिलेंगे। मीना ने बताया कि जगह-जगह पानी जमा होने तथा कूड़ों का ढेर लगने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। नगरपालिका की ओर से फॉगिंग नहीं कराई जाती। दवाओं के नियमित छिड़काव की भी व्यवस्था होनी चाहिए। पाइप जगह-जगह क्षतिग्रस्त : गिरिजाशंकर ने बताया कि मोहल्ले में पेयजल आपूर्ति समय से होती है, लेकिन पानी में प्रेशर नहीं रहता। इसके चलते दूसरी या तीसरी मंजिल पर पानी नहीं चढ़ पाता। यदि अगल-बगल किसी ने सबमर्सिबल आदि चला दिया तो नीचे के घरों में भी पानी का संकट खड़ा हो जाता है। इसका एक बड़ा कारण वर्षों पहले बिछाई गई पाइप लाइन का क्षतिग्रस्त होना भी है। बताया कि पुरानी पाइन जंग लगने से जगह-जगह से झड़ गई है। उसी से घरों में दूषित पानी भी आता है। यदि पाइप को बदल दिया जाय तो साफ पानी की आपूर्ति के साथ प्रेशर भी बढ़ सकता है। मीना ने बताया कि अभी सप्लाई वाले पानी से कपड़ा या बर्तन धोने के लिए भी सोचना पड़ता है। कपड़े पीले पड़ जाते हैं। अनुमोदन पर हो सफाई का भुगतानः दिनेश वर्मा और भोला के साथ ही करीब-करीब सभी लोगों ने नगरपालिका के स्वकर पर बात की और अपना विरोध भी दर्ज कराया। सुविधाओं का हवाला देते हुए सवाल किया कि लोग जल कर और गृह कर देते रहे हैं। बदले में नगरपालिका से क्या मिलता है? समय से झाड़ू भी नहीं लग पा रही है। बोले, पेयजल का टैक्स तो गृह कर से भी अधिक होता है। नल का कनेक्शन हो या न हो, टैक्स देना पड़ता है। बदले में घरों तक कैसा पानी पहुंचाया जाता है, यह किसी से छिपा नहीं है। सफाई करने वाली एजेंसी को लाखों रुपये महीने का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन सफाई हो रही है या नहीं, इसे कोई देखने नहीं आता। बृजलाल ने बताया कि हर वार्ड में कुछ लोगों की कमेटी बनाई जाय। उनके अनुमोदन के बाद भी हर महीने का भुगतान होना चाहिए। प्रस्तुति : एनडी राय/श्रवण पांडेय सुझाव 1. जहां-तहां टूटी नालियों की मरम्मत के साथ ही उनकी नियमित कराई जाय। 2. मोहल्ले में महीने में कम से कम दो बार फॉगिंग और नालियों में एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया जाय। 3. बिजली आपूर्ति वाले पोल से अन्य तारों को हटाया जाए। इससे लोगों को फॉल्ट दुरुस्त कराना आसान होगा। 4. मोहल्ले में कूड़ा रखने के लिए कोई स्थान तय होना चाहिए। डस्टबिन रखवाने के साथ ही नियमित कूड़ों का उठान और निस्तारण कराया जाय। 5. मुख्य सड़क और गलियों की मरम्मत कराई जाय। सीवर कार्य से खराब हुई सड़कों का निर्माण फिर से कराना चाहिए। शिकायतें 1. नियमित सफाई नहीं होने से नालियां जाम हैं। मोहल्ले के पानी का निकास बाधित रहता है। 2. मोहल्ले में नियमित फॉगिंग नहीं होती। इस कारण मच्छरों का प्रकोप झेलना होता है। 3. बिजली आपूर्ति वाले पोल पर टीवी केबल और अन्य तारों का जाल बन गया है। इसके चलते बिजली केबल में फॉल्ट होने पर दुरुस्त कराने में परेशानी होती है। 4. मोहल्ले में कूड़ा रखने के लिए कोई स्थान नहीं है। डस्टबिन का भी इंतजाम नहीं है। 5. मुख्य सड़क और गलियां वर्षों से बदहाल हैं। इस पर चलना काफी खतरनाक है। लोग गिर कर चोटिल होते हैं। बोले जिम्मेदार बरसात बाद शुरू हो जाएगा काम कृष्णा नगर के विकास को लेकर कई प्रस्ताव नगर पालिका को दिए गए हैं। इसमें खासकर मुख्य सड़क, गलियां, नाली, पेयजल व्यवस्था आदि हैं। बिजली केबल कुछ बदला गया अन्य बदलवाये जाएंगे। कुछ प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं। बरसात बाद मोहल्ले में कार्य शुरू करा दिए जाएंगे। स्ट्रीट लाइट भी समय-समय पर बदले जाते हैं। - काजल सोनी, सभासद, वार्ड नंबर 11, नगर पालिका परिषद, बलिया। बोले नागरिक कृष्णानगर किराना गली मोहल्ले में फाॅगिंग या डीटीपी का छिड़काव कभी नहीं कराया जाता। लल्लू प्रसाद मोहल्ले में पेयजल आपूर्ति समय से होती है लेकिन पानी में प्रेशर नहीं होता है। पानी दूषित भी आता है। भोला कुमार गुप्त एक या दो स्ट्रीट लाइट ही जलती हैं। बाकी सभी खराब हैं। गलियों में आवागमन मुश्किल होता है। पंकज कुमार सीवर का पाइप डालने के लिए रास्तों को खोदकर जगह-जगह बने चेम्बर खतरनाक हो गए हैं। विजय कुमार नालियां सफाई के अभाव में बजबजा रही हैं। नाली जाम होने के कारण पानी नहीं निकल पा रहा है। दिनेश वर्मा मोहल्ले में सड़कों और नालियों का निर्माण हुए 15 से 20 साल हो गए। तब से इनकी मरम्मत नहीं कराई गई। बृजलाल सोनी मोहल्ले में कूड़ा उठाने का कोई शेड्यूल नहीं है। घरों का कूड़ा रखने के लिए कोई जगह भी निर्धारित नहीं है। बंटी चौरसिया सड़कों के किनारे कूड़ों का ढेर कई-कई दिनों तक पड़ा रहता है। इससे बीमारी का खतरा रहता है। गिरिजाशंकर मोहल्ले के लोग गृहकर और जलकर देते हैं लेकिन बदले में नगरपालिका सुविधाएं नहीं दे रही है। पुलकित नालियों नियमित सफाई नहीं होती। सड़कों पर पानी जमा रहने से आवागमन में परेशानी होती है। मंजू गुप्ता नगरपालिका को जगह-जगह डस्टबिन रखवाना चाहिए। कूड़ों का नियमित उठान और निस्तारण हो। मीना देवी खम्भों पर वाईफाई और टीवी के तारों का जाल है। फाल्ट पर केबल खोजने में परेशानी होती है। विवेक कुमार

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