गंगा के बढ़ते जलस्तर के साथ तटवर्ती क्षेत्रों में छपाका कटान जारी है। इससे प्रभावित गांवों के लोग सकते में हैं। उधर क्षेत्रीय विधायक के सख्त निर्देश के बाद भी बाढ़ खण्ड गंगापार नौरंगा में बचाव कार्य शुरू नहीं करा पाया है। जबकि नदी की लहरें बस्ती से सटे बंधे से टकरा रही हैं।
कटान को लेकर बाढ़ खण्ड के अधिकारी कितना संवेदनहीन हैं, इसका नजारा गंगा पार में हो रहे कटान व बचाव के प्रति विभाग की उदासीनता को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। ग्रामीणों की शिकायत पर क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह ने रविवार को बाढ़ खण्ड के अधिकारियों के साथ गंगा पार नौरंगा में हो रहे कटान का निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक ने एक्सईएन संजय कुमार मिश्र कटान की रोकथाम के लिए परियोजना से इतर फ्लड फाइटिंग के तहत अविलंब बचाव कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया। तय हुआ कि परियोजना के तहत कार्य करा रहे ठेकेदार से ही उक्त कार्य भी कराया जाएगा, जिसकी निगरानी विभाग का एक अवर अभियंता मौके पर कैंप कर करेगा। जनप्रतिनिधि के उक्त आदेश का भी विभागीय अधिकारियों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
गांव के पूर्व प्रधान राजमंगल ठाकुर, उधारी ठाकुर आदि ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद तक बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस सम्बंध में एक्सईएन का कहना है कि कार्य शुरू हुआ या नहीं, यह संज्ञान में नहीं है। अधिकारी के इस जवाब से विभाग की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि उक्त अधिकारी विधायक के निरीक्षण के दौरान साथ-साथ थे।
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम सोमवार को भी जारी रहा। केन्द्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर 55.890 मीटर दर्ज किया गया। यहां चेतावनी बिंदु 56.615 व खतरा बिंदु 57.615 मीटर पर दर्ज है। नदी में आधा सेमी प्रति घन्टे का बढ़ाव जारी है। जिसे आगे और तीव्र होने का अंदेशा है।
एनएच के सटे भू- भागों मे फैलने लगा पानी
रामगढ़। गंगा नदी मे लगातार हो रहे बढ़ाव के बाद बाढ़ का पानी अब एनएच -31 के सटे पचरूखिया दियारा, मझौवा मठिया होते हुये जग छपरा, गायघाट तक फैलने लगा है। बढ़ाव का क्रम अगर इसी प्रकार बना रहा तो सम्बन्धित मौजों मे बोयी गयी परवल, मिर्च आदि की फसल तबाह व बर्बाद हो जाएगी।