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कोलकाता में डाक्टरों पर हमले का अनोखा विरोध, बलिया में हेलमेट पहनकर सरकारी डाक्टरों ने देखा मरीज

कोलकाता में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में सोमवार को देशभर में डॉक्टर अलग अलग तरह से विरोध कर रहे हैं। आईएमए के आह्वान पर निजी डाक्टर जहां पूरी तरह हड़ताल पर हैं वहीं सरकारी डाक्टरों ने काली...

कोलकाता में डाक्टरों पर हमले का अनोखा विरोध, बलिया में हेलमेट पहनकर सरकारी डाक्टरों ने देखा मरीज
वरिष्ठ संवाददाता,बलियाMon, 17 Jun 2019 04:41 PM
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कोलकाता में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में सोमवार को देशभर में डॉक्टर अलग अलग तरह से विरोध कर रहे हैं। आईएमए के आह्वान पर निजी डाक्टर जहां पूरी तरह हड़ताल पर हैं वहीं सरकारी डाक्टरों ने काली पट्टी बांध कर काम किया। बलिया जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अजब तरीके से विरोध किया। यहां डॉक्टरों ने हेलमेट पहन कर मरीजों को देखा। पूर्वांचल के सभी जिलों में डाक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। बीएचयू में रेजिडेंट डाक्टरों ने काम नहीं किया लेकिन सीनियर डाक्टरों ने मरीजों को देखा। 

मऊ में जिलेभर में आईएमए के आह्मवान पर निजी अस्पतालों में पूरी तरह से ओपीडी ठप रही। जिला असपताल में ही मरीजों को डाक्टर देखते रहे। आजमगढ़ में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े जनपद के लगभग 180 डॉक्टर सोमवार को पूरी तरह से हड़ताल पर रहे। पश्चिम बंगाल में हुई घटना के विरोध में आईएमए से जुड़े डॉक्टरों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व डायग्नोस्टिक सेंटरों को बंद रखकर चिकित्सकीय कार्य से विरत रहे। आकस्मिक चिकित्सा कार्य हुआ। सरकारी अस्पतालों में हड़ताल नहीं रही। जिला अस्पताल, महिला अस्पताल से लेकर सीएचसी व पीएचसी के डॉक्टरों ने विरोध स्वरूप बांह पर काली पट्टी बांधकर नाराजगी जताते हुए काम किया। 

भदोही में चिकित्सकीय संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कालीन नगरी में आंशिक असर रहा। जिला अस्पताल ज्ञानपुर, भदोही शहर स्थित महाराजा बलवंत सिंह, सीएचसी भदोही, सुरियावां, औराई, गोपीगंज, डीघ समेत सभी सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन की भांति सोमवार को भी डॉक्टरों ने मरीजों का उपचार किया। इस दौरान आईएमए से जुड़े कुछ चिकित्सकों ने बांह में काली पट्टी बांध कर विरोध जरूर जताया। 
उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भदोही (आईएमए) के पदाधिकारियों, संगठन से जुड़े निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने पूरे दिनओपीडी बंद रखी। इस दौरान इमरजेंसी मरीजों का उपचार किया गया। 

मिर्जापुर में सरकारी अस्पतालों पर हड़ताल का कोई असर नहीं है। मण्डलीय और जिला महिला अस्पताल के चिकित्सक सुबह सात बजे से दोपहर बाद एक बजे तक इलाज में जुटे रहे। जिले के सीएचसी और पीएचसी पर भी मरीजों के उपचार की स्थिति सामान्य है। हालांकि चिकित्सकों ने बंगाल की घटना पर तीखा विरोध दर्ज कराया है। सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों का कहना था कि हम लोग इस मुद्दे पर एकजुट है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। 

सोनभद्र में जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काम किया। जिला अस्पताल में कुछ देर के लिए सांकेतिक प्रदर्शन कर विरोध जताया जरूर। लेकिन मरीजों को देखने मे कोई कोताही नहीं बरती। निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रही। लेकिन गंभीर व नियमित मरीजों को देखा गया, जिससे कहीं भी मरीजों को परेशानी नहीं हुई।

गाजीपुर में डॉक्टरों की हड़ताल नहीं रही। विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर चिकित्सकों ने काम किया। ओपीडी यथावत चलती रही और मरीजों का इलाज जांच होता रहाl आईएमए से जुड़े लोगों ने बैठक कर विरोध जताया अौर कामकाज नहीं किया।

चंदौली में सरकारी अस्पतालों में हड़ताल नहीं है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों ने सिर्फ विरोध स्वरूप बांह पर काली पट्टी बांध कर नाराजगी जताई। सामान्य दिनों की तरह ओपीडी में मरीजों का उपचार किया गया। आईएमए से जुड़े प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। ओपीडी बंद रही। सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही जारी रही। 

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