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एक ही लक्ष्य, किसी तरह पहुंच जाएं अपने घर

पेट की आग बुझाने के लिए दिल्ली में रहकर मज़दूरी करने वाले बिहार के दरभंगा (बिहार) के दो दर्जन मजदूर देर शाम को रेलवे लाइन के रास्ते पैदल ही सहतवार रेलवे स्टेशन पहंुचे। रात में जानकारी मिलने पर पहंुचे...

एक ही लक्ष्य, किसी तरह पहुंच जाएं अपने घर
हिन्दुस्तान टीम,बलियाSat, 04 Apr 2020 04:51 PM
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पेट की आग बुझाने के लिए दिल्ली में रहकर मज़दूरी करने वाले बिहार के दरभंगा (बिहार) के दो दर्जन मजदूर देर शाम को रेलवे लाइन के रास्ते पैदल ही सहतवार रेलवे स्टेशन पहंुचे। रात में जानकारी मिलने पर पहंुचे नीरज सिंह यूथ ब्रिगेड के सदस्यों ने पंकज सिंह राजू के नेतृत्व में सभी को भोजन कराया।

दरभंगा के विभिन्न गांवों के मजदूरों ने बताया कि वे दिल्ली से 25 मार्च को रेलवे लाइन के रास्ते ही चल पड़े। दो जगहों पर उन्होंने मालगाड़ी के खाली डिब्बा में चढ़कर भी यात्रा की। मजदूर दया, अशफाक, समीर, रूद्रा, जूगनू आदि ने बताया कि वे चार दिन में इलाहाबाद से पैदल ही रेलवे लाइन पकड़कर आ रहे हैं। बताया कि दिन में चलते व रात में ठहरते हुए आगे बढ़ रहे हैं। रमेश, बब्लू, दिनेश ने बताया कि दो दिनों तक तो खाने का समान था लेकिन इसके बाद आधे पेट ही भोजन कर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्य सड़क की बजाय रेलवे ट्रैक से होकर जाने के सवाल पर सुरेश, लल्लन व मंगरु ने बताया कि इससे रास्ते में कोई रोकने-टोकने वाला नहीं मिलता। हमारा एक ही लक्ष्य है कि किसी तरह अपने परिजनों के बीच पहुंचे। 50 वर्षीय सुमारु ने कहा कि कई किमी तक पैदल बरात या मेला जाने की दास्तां तो सुनी थी लेकिन सपने में भी नहीं सोचा था कि खुद भी सैकड़ों मिल पैदल चलना पड़ेगा। शनिवार की सुबह मजदूरों का जत्था दरभंगा के लिए पैदल ही निकल पड़ा।

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