लोभ और मोह जीव के पतन का कारण
Balia News - सिकंदरपुर के डूहा बिहरा स्थित वनखंडी नाथ मंदिर में 40 दिवसीय राजसूय महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यज्ञाचार्य रेवती रमण तिवारी के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों के बीच विश्व कल्याण के लिए...

सिकंदरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के डूहा बिहरा स्थित वनखंडी नाथ (श्री नागेश्वर नाथ महादेव) मंदिर परिसर में चल रहे 40 दिवसीय राजसूय महायज्ञ में मंडप परिक्रमा के लिए रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। उधर, यज्ञाचार्य रेवती रमण तिवारी के आचार्यत्व में दर्जनों आचार्य वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विश्व कल्याण के लिए पावन आहुतियां डाल रहे हैं। इस वैदिक कर्मकांड से चहुंओर भक्ति सरिता बह रही है। महायज्ञ में शनिवार की शाम मानस मर्मज्ञ गौरांगी ने सती-मोह प्रसंग में श्रद्धालुओं को बताया कि लोभ और अनावश्यक मोह सर्वनाश और पतन का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि पति की अज्ञा की अवहेलना पत्नी को कभी नहीं करना चाहिए। उदाहरण स्वरूप भगवान शंकर के कहने के बाद भी मां सती को विश्वास नहीं हुआ और वह भगवान विष्णु जो श्रीराम के रूप में अवतरित होकर सीता वियोग में थे, परीक्षा लेने पहुंची, जहां उन्हें अपमानित होना पड़ा। अपने पिता दक्ष के यज्ञ में बिना बुलाए पति के मना करने पर सती नहीं मानी, जहां पति का अपमान सहन न कर सकी परिणाम सभी जानते हैं। उन्होंने सलाह दिया कि किसी की सलाह या मशविरा को छोटा नहीं समझना चाहिए, क्योंकि अहंकार पतन का कारण होता है।
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