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महावीर घाट, बेदुआ व बनकटा के दर्जनों मकान बने टापू

उफनाई गंगा का पानी शहर के निचले इलाकों में पहुंच गया है। बाढ़ के पानी से घिरने के कारण दर्जनों मकान टापू बन गये हैं। अधिकांश लोगों का सम्पर्क शहर के अन्य हिस्सों से कट गया है। बाढ़ से घिरे लोगों...

महावीर घाट, बेदुआ व बनकटा के दर्जनों मकान बने टापू
बलिया। निज संवाददाताSat, 08 Sep 2018 07:46 PM
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उफनाई गंगा का पानी शहर के निचले इलाकों में पहुंच गया है। बाढ़ के पानी से घिरने के कारण दर्जनों मकान टापू बन गये हैं। अधिकांश लोगों का सम्पर्क शहर के अन्य हिस्सों से कट गया है। बाढ़ से घिरे लोगों मकानों की छत पर ही शरण लिए हुए हैं। उनके सामने खाने पीने आदि की विकट समस्या खड़ी हो गई है। 

गंगा से जुड़े कटहल नाले के रास्ते बाढ़ का पानी शुक्रवार को शहर की ओर चल पड़ा। परवल व अन्य फसलों को डुबोते हुए पानी महावीर घाट के पास स्थित पुल से पूरब गिरने लगा। रात में ही पूरा इलाका पानी से लबालब भर गया। लोग सुबह सो कर उठे तो सूखी जमीन तालाब के रूप में तब्दील हो चुकी थी। बाढ़ के पानी से घिरकर महावीर घाट के साथ ही बेदुआ, बनकटा, विजयीपुर आदि मुहल्लों के दर्जनों घर पानी से घिरने के बाद टापू बन गये। 

गंगा नदी में उफान के बाद कटहल नाला से होकर नदी का पानी निचले इलाकों में घुसा है। पानी के तेज बढ़ाव के कारण लोगों की सांसे अटकी हुई है। आंगन व कमरों में पानी के घुस जाने के कारण फ्लड जोन में सस्ती जमीन लेकर घर बनाकर रह रहे लोग मकान खाली करने के बजाय छतों पर प्लास्टिक तानकर उसने नीचे रहने व खाने का इंतजाम कर लिये हैं। शहर से जरुरी सामान ले आने के लिये लोग डेंगी नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। पानी से घिरे लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से अब तक न तो नाव की व्यवस्था की गयी हैं और न ही बाढ़ चौकी ही खुली है।

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