बेजुबानों को ठंड से बचाव का इंतजाम नाकाफी
Balia News - बलिया में गो आश्रय स्थलों में संरक्षित मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। सरकार और जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद, कई गोशालाओं में गंदगी और ठंड से बचाव की कमी है। 33 गो...
बलिया, संवाददाता। सरकार और जिला प्रशासन के लाख सख्ती के बाद भी केयर टेकर गो आश्रय स्थल में संरक्षित मवेशियों को ठंड से बचाव का पर्याप्त इंतजाम नहीं किये हैं। बढ़ती ठंड के बीच ‘हिन्दुस्तान टीम ने कुछ गो आश्रय स्थलों की पड़ताल किया। इस दौरान कुछ गोशालाओं में गंदगी पसरी दिखी तो कई जगह सर्द हवाओं से बचाव का इंतजाम नाकाफी दिखा। जबकि तीन वृहद समेत 33 गो आश्रय स्थलों में करीब 3400 के आस-पास मवेशी संरक्षित हैं और इन पर प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से महीना में 50 लाख से अधिक रुपये खर्च हो रहे हैं। नगरा हिसं के अनुसार बढ़ रहे ठंड में सुबह व शाम गलन तेज हो गयी है। लेकिन निराश्रित पशुओं को संरक्षित करने के लिए बने गो आश्रय स्थलों में ठंड से बेजुबानों को बचाव का इंतजाम नाकाफी है। ब्लॉक क्षेत्र के रघुनाथपुर में बने अस्थायी गो आश्रय स्थल में 74 पशु संरक्षित हैं। ठंड से बचाव के लिए पतला तिरपाल वह भी तीन शेडों में मात्र में एक लगाया गया है। मवेशियों के खिलाने के लिए भूसा रखा गया है, हरा चारा का कहीं नजर नहीं आया। सिकंदरपुर हिसं के अनुसार नगर स्थित गो आश्रय स्थल पर वर्तमान में 70 मवेशी संरक्षित हैं। यहां पशुओं के चरन के पास गोबर का टाल लगा है, जिससे मच्छर सहित अन्य संक्रामक कीटाणु मवेशियों को बीमार बना रहे हैं। मवेशियों को ठंड से बचाव के लिए टीन शेड तो बनाया गया है। लेकिन हरा चारा आदि नजर नहीं आया। लालगंज हिसं के अनुसार मुरलीछपरा ब्लॉक के भगवानपुर में अस्थायी गो आश्रय स्थल हैं। यहां 138 पशु संरक्षित हैं। गोशाला में संरक्षित पशुओं को ठंड से बचाव की व्यवस्था तो करीब ठीक है। लेकिन मवेशियों को खिलाने के लिए पौष्टिक के साथ हरा चारा कहीं नजर नहीं आया।
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