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गोंड महासभा का तहसील मुख्यालय पर धरना

गोंड जाति को प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर पिछले दिनों तहसीलदार द्वारा संगठन के नेता तारकेश्वर गोंड से दुर्व्यवहार के आरोप में बुधवार को गोंड महासभा ने बैरिया तहसील मुख्यालय पर धरना दिया। कार्यकर्ता...

गोंड महासभा का तहसील मुख्यालय पर धरना
हिन्दुस्तान टीम,बलियाWed, 16 Jan 2019 05:54 PM
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गोंड जाति को प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर पिछले दिनों तहसीलदार द्वारा संगठन के नेता तारकेश्वर गोंड से दुर्व्यवहार के आरोप में बुधवार को गोंड महासभा ने बैरिया तहसील मुख्यालय पर धरना दिया। कार्यकर्ता तहसीलदार पर एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे।

अपने सम्बोधन में जिला गोंड़ महासभा के अध्यक्ष आनन्द शंकर गोंड उर्फ प्रभुनाथ ने कहा कि दुर्भाग्य है कि जब तहसील से प्रमाण पत्र जारी करने की बात होती है, तहसील द्वारा विभिन्न कारण बताकर प्रमाण पत्र बनाने में रोड़ा अटकाया जाता है। चेताया कि प्रशासन हमारी सहनशीलता को हमारी कमजोरी न समझें।

इस मौके पर तारकेश्वर गोंड, विजय गोंड, ददन गोंड़, कृष्ण बिहारी गोंड, आनन्द शंकर गोंड़, जेपी भाई, राजाराम गोंड, सुभाष गोंड, संजय, बच्चा लाल, प्रदीप, छितेश्वर, कामेश्वर, शिवशंकर, राधामोहन आदि थे।

उधर, गोंड नेता से दुर्व्यवहार के आरोप को बैरिया तहसीलदार ने सिरे से खारिज किया। कहा कि यह बेबुनियाद है। शासन व जिलाधिकारी के आदेशानुसार उन्हीं लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा, जिसका 1368 फसली में नाम अंकित हो। इसके अलावा वर्ष 1971 से 2003 तक तहसील से जो प्रमाण पत्र गोंड जाति के लिए जारी किया गया था, उसे जमा करने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।

15 को मिला प्रमाण पत्र

इन सबके बीच तहसील प्रशासन ने मंगलवार को गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया है। इस दौरान कृष्णबिहारी गोंड व अन्य 14 लोगों को प्रमाण पत्र जारी किया गया।

इनसेट

एसडीएम के आश्वासन पर आंदोलन खत्म

रानीगंज। गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने तथा संगठन के तारकेश्वर गोंड से दुर्व्यवहार के आरोप में बैरिया तहसील में चल रहा आंदोलन बुधवार को एसडीएम के आश्वासन पर समाप्त हो गया। आत्मदाह का कार्यक्रम भी चेतावनी तक ही रह गया।

एसडीएम ने कहा कि 1977 से 2003 के बीच गोंड बिरादरी को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिस भी व्यक्ति इस प्रमाण पत्र को साक्ष्य के रुप में अथवा 2003 में परिवार के किसी व्यक्ति द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के समय रजिस्टर पर उनका जाति प्रमाण पत्र लिखा गया हो तो उसका सत्यापित प्रतिलिपि प्रस्तुत करने पर उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी होगा। तहसीलदार द्वारा दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच करने का भी भरोसा दिया।

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