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चेतावनी बिंदु की ओर गंगा, छपाका कटान तेज

पिछले दो दिनों से हो रहे बढ़ाव के बाद अब गंगा नदी का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने लगा है। बढ़ते जलस्तर से छपाका कटान भी शुरू हो गया है। उधर, बचाव को लेकर विभागीय अधिकारियों की तंद्रा भंग...

चेतावनी बिंदु की ओर गंगा, छपाका कटान तेज
हिन्दुस्तान टीम,बलियाSat, 15 Aug 2020 03:06 AM
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पिछले दो दिनों से हो रहे बढ़ाव के बाद अब गंगा नदी का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने लगा है। बढ़ते जलस्तर से छपाका कटान भी शुरू हो गया है। उधर, बचाव को लेकर विभागीय अधिकारियों की तंद्रा भंग होने का नाम नहीं ले रही है। इससे तटवर्ती क्षेत्र के लोगों में दहशत है। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार शुक्रवार को दिन में 12 बजे गंगा का जलस्तर 55.00 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां चेतावनी बिन्दु 56.615 मीटर तथा खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। नदी में एक सेमी प्रति घन्टे का बढ़ाव बना हुआ है। विभागीय आयोग के अनुसार आगे भी जलस्तर में वृद्धि की सम्भावना है।

उफनायी घाघरा के बाद अब गंगा का जलस्तर भी तेजी से चेतावनी बिन्दु की ओर बढ़ रहा है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही कटान के मुहाने पर खड़े गांवों के लोगों मे दहशत व्याप्त हो गया है। भय का आलम यह कि संभावित बाढ़ के खतरे को देख चौबेछपरा अवशेष, उदयीछपरा, बनिया व सोनार टोला रामगढ़ के पीड़ित अभी से ही अपने घरेलू सामानों को सुरक्षित करने के प्रयास मे लग गये है। उधर कटान की कम्मान सम्भाले बाढ़ खण्ड के अधिकारी बचाव कार्य को लेकर उदासीन बने हुये है। क्षेत्र मे करोड़ों की लागत से होने वाले एनएच से लगायत बनिया व सोनार टोला के बचाव की परियोजनाए पूरी तरह ठप पड़ी हुयी है।

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...ताकि न रहे लूट-खसोट का कोई सबूत

रामगढ़। अपने कारनामों के लिए चर्चित विभाग (बाढ़ खण्ड) इस बार भी निर्धारित अवधि के बीच बचाव कार्य पूरा करने में नाकाम रहा। आरोप है कि विभागीय अधिकारी जानबूझकर कार्य की गति को लेकर उदासीन रहे। ताकि नदी उफान में आ जाय और पहले की तरह बचाव के नाम होने वाले लूट-खसोट का कोई लेखा-जोखा न रहे और न ही मौके पर अनियमितता का कोई सबूत ही दिखे। प्रभावित लोगों का कहना है कि कार्य के शुरुआती दिनों में बचाव कार्य की नींव से लगायत ऊपरी हिस्से तक कार्ययोजना के विपरीत कार्य कर अपनी जेबें गर्म कर चुके विभाग की नजर अब उफान के वक्त फ्लडफाइटिंग के नाम सरकारी खजाने पर टिकी है। कहा कि विभागीय अधिकारियों के दोनों हाथ में लड्डू है।

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मंत्रियों की हिदायत का भी असर नहीं

रामगढ़। बचाव के नाम पर खेल में माहिर अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की चेतावनी का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है। जिले के प्रभारी मंत्री अनिल राजभर, राज्य मन्त्री आनन्द स्वरूप शुक्ल, विधायक सुरेन्द्र सिंह ने डीएम के साथ कटानरोधी कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर जेई व एई पर अनियमितता का आरोप लगाने के साथ ही मनमाने तरीके से कार्य को बंद कराने का आरोप लगाया। निरीक्षण के दौरान एनएच की परियोजनाओं पर कार्य ठप भी मिला। मंत्रियों से लगायत विधायक ने भी एसडीओ कमलेश कुमार से बीच में ही कार्य छोड़ भागे ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिये उच्चाधिकारियों के पास लिखित संस्तुति भेजने की चेतावनी दी। इसके बावजूद कोई असर अधिकारियों पर नहीं हुआ।

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