यूपी और बिहार से कटा नौरंगा का सम्पर्क, सात और मकान विलीन
Balia News - रामगढ़ में गंगा ने अपने उच्चतम बिंदु पर पहुँचकर लहरों का कहर बरपाया है। नौरंगा पंचायत की 20,000 से अधिक आबादी का सम्पर्क यूपी और बिहार से कट गया है। कई मकान और सड़कों को नुकसान हुआ है। बारिश ने भी...
रामगढ़, हिन्दुस्तान संवाद। खतरा बिंदु के पार बह रही गंगा अपने अबतक के उच्चतम बिंदु के पास पहुंचकर भले ही ठहर गई हैं, लहरों का कहर जारी है। बैरिया तहसील की नदी पार की पंचायत नौरंगा की बीस हजार से अधिक की आबादी का सम्पर्क यूपी के साथ ही बिहार से भी कट गया। पड़ोसी राज्य से यूपी की पंचायत के चक्की-नौरंगा को जोड़ने वाली सड़क गुरुवार को चक्की-नौरंगा के पास बाढ़ में धराशाई हो गई। कहर बरपाती लहरों ने यहां के सात और मकानों को भी अपनी आगोश में ले लिया। उग्र हो चुकी गंगा की लहरें नदी पार की पंचायत नौरंगा के पुरवा चक्की-नौरंगा पर चौतरफा प्रहार कर रही हैं।
खेत, मकान के साथ ही सड़कें भी धारा में बह जा रही हैं। लहरों ने गुरुवार सुबह से जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। कटान मे पड़ोसी राज्य बिहार के दामोदरपुर-जेवइनिया से यूपी के चक्की-नौरंगा को जोड़ने वाली सड़क काफी लम्बाई में धारा के साथ बह गयी। इसके बाद यहां की बीस हजार से अधिक की आबादी का सम्पर्क यूपी के साथ ही सड़क मार्ग से बिहार से भी कट गया। इस बड़ी आबादी की एक अंतिम उम्मीद यह सड़क ही थी, जिसके सहारे कटान की जद में आये लोग अपने सामानों को ट्रैक्टर, पिकअप आदि से बिहार के रास्ते अपनी रिश्तेदारियों में महिलाओं को पहुंचा रहे थे। अब इनके लिए नाव ही एक मात्र विकल्प है। तेज धारा के कारण नाविक भी कटान स्थल तक जाने में परहेज कर रहे हैं। इस बीच, गुरुवार को बस्ती के मनोज ठाकुर, राजकुमारी, सुधीर ठाकुर, लल्लन, सुग्रीव, बुधन, विजय के मकान भी कटान की भेंट चढ़ गये। इस प्रकार अब तक यहां के कुल 96 पक्के-कच्चे मकान नदी में विलीन हो चुके हैं। सुबह करीब 10 बजे से मकानों के धराशाई होने के बाद पूरे दिन बस्ती में भगदड़ मची रही। घरों से खिड़की-दरवाजे निकालकर लोग उसे सुरक्षित करने में जुटे रहे। बारिश ने बढ़ाई पीड़ितों की मुश्किलें रामगढ़। बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह हुई रही बारिश ने चक्की-नौरंगा के कटान पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है जो कटान में घर-मकान गंवाने के के बाद बक्सर-कोइलवर बांध पर शरण लिए हैं। इस बंधे पर बस्ती के सौ से अधिक परिवार प्लास्टिक के तिरपाल के नीचे गुजर कर रहे हैं। तेज हवा के साथ बारिश भी उन पर सितम ढा रही है। बारिश की फुहारों से बिछावन तक भीग जा रहे हैं। पीड़ित तख्तों पर बैठकर दिन काट रहे है। जलावन भींग जाने से चूल्हे भी ठंडे पड़ रहे हैं। कटान की जद में आए लोगों को अपने सामान सुरक्षित करने में भारी दिक्क़त हो रही है। जेवइनिया में कालेज के विलीन होने से तेज हुई कटान रामगढ़। पड़ोसी राज्य बिहार के जेवइनिया इंटर कालेज के विलीन होने के बाद यूपी के चक्की-नौरंगा में लहरों का कहर और तेज हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार पिछली बाढ़ में नदी के घटाव के समय उक्त इंटर कालेज का अधिकांश हिस्सा धराशायी हो गया था। इस मकान का मलबा और अवशेष दीवालें चक्की-नौरंगा के लिये ठोकर का काम कर रही थीं। नदी की बैकरोल करती लहरें इससे टकराकर वापस हो जा रही थीं। सुबह के नौ बजे इंटर कालेज का अस्तित्व मिटाने के बाद लहरें अब सीधे चक्की-नौरंगा आबादी से सटकर बैकरोल करने लगी है, जिससे खतरा काफी बढ़ गया है।
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