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‘आयुष्मान भारत’ में पांच लाख तक फ्री इलाज

अब आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को पैसे के अभाव में चिकित्सा के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत उनको सलाना पांच लाख तक की चिकित्सकीय सुविधा का लाभ...

‘आयुष्मान भारत’ में पांच लाख तक फ्री इलाज
बलिया, निज संवाददाताMon, 30 Apr 2018 06:10 PM
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अब आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को पैसे के अभाव में चिकित्सा के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत उनको सलाना पांच लाख तक की चिकित्सकीय सुविधा का लाभ सरकारी व निजी अस्पतालों में मिलेगा। इस प्रकार यह योजना लाखों गरीब परिवार के लिए संजीवनी का काम करेगी। केन्द्र सरकार की इस योजना की शुरूआत आयुष्मान भारत दिवस के रूप में सोमवार को हुई। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में खुली बैठक कर लाभार्थियों का नाम सार्वजनिक किया गया। आधा दर्जन गांवों में खुली बैठक में खुद जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत शामिल हुए और लाभार्थियों को योजना की विस्तृत जानकारी दी। 

डीएम ने चिलकहर स्थित परिषदीय स्कूल में खुली बैठक में योजना के तहत मिलने वाले लाभ की जानकारी दी। बताया कि चयनित परिवारों को सलाना पांच लाख तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के अनुसार लाभार्थियों का चयन हुआ है। खुली बैठक का उद्देश्य ही है कि विगत सात वर्षों में जिन परिवार में सदस्य की संख्या बढ़ी होगी या कोई मृतक हुआ होगा, तो इसकी सूचना हर हाल में 7 मई तक ग्राम पंचायत सचिव, एएनएम, आशा या आंगनबाड़ी कार्यकत्री को देनी है। 

वहां से रसड़ा क्षेत्र के राघोपुर व नगरा क्षेत्र के सुल्तानपुर में डीएम ने मिशन के तहत की जाने वाली कार्यवाही का जायजा लिया। चिकित्साधिकारियों से पूछताछ के बाद जरूरी दिशा निर्देश दिए। डीएम ने ग्राम प्रधानों को भी इस कल्याणकारी योजना में लाभार्थियों का सहयोग करने की अपील की है। इस दौरान सीएमओ डॉ एसपी राय, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के नोडल अधिकारी डॉ हरिनंदन आदि रहे।

निरीक्षण में बंद मिली नगरा पीएचसी की ओपीडी
आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी अचानक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा चले गये। वहां पहुंचे तो अस्पतालकर्मियों की लापरवाही स्पष्ट देखने को मिली। ओपीडी कक्ष बंद था। करीब पांच-छह मरीज प्रभारी चिकित्साधिकारी के आवास पर थे। हालांकि प्रभारी चिकित्साधिकारी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने व आयुष्मान भारत कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण वहां गहन जांच नहीं हो सकी। जिलाधिकारी ने वहां के डॉक्टर व अन्य स्टॉफ को कार्यशैली में सुधार लाने की चेतावनी दी। कहा कि चिकित्सा व्यवस्था में लापरवाही की शिकायत मिली तो जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे।

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