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आग से सुरक्षा के नाम पर सिर्फ टांग दिए उपकरण!

गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग की भीषण घटना ने पूरी व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। ऊंची इमारतों, सरकारी या गैर सरकारी बिल्डिंगों, अस्पतालों, प्रतिष्ठानों आदि में मानकों की अनदेखी का...

गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग की भीषण घटना ने पूरी व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। ऊंची इमारतों, सरकारी या गैर सरकारी बिल्डिंगों, अस्पतालों, प्रतिष्ठानों आदि में मानकों की अनदेखी का...
1/ 2गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग की भीषण घटना ने पूरी व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। ऊंची इमारतों, सरकारी या गैर सरकारी बिल्डिंगों, अस्पतालों, प्रतिष्ठानों आदि में मानकों की अनदेखी का...
गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग की भीषण घटना ने पूरी व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। ऊंची इमारतों, सरकारी या गैर सरकारी बिल्डिंगों, अस्पतालों, प्रतिष्ठानों आदि में मानकों की अनदेखी का...
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हिन्दुस्तान टीम,बलियाSun, 26 May 2019 05:58 PM
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गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग की भीषण घटना ने पूरी व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। ऊंची इमारतों, सरकारी या गैर सरकारी बिल्डिंगों, अस्पतालों, प्रतिष्ठानों आदि में मानकों की अनदेखी का खामियाजा आम लोगों को अपनी जान देकर भुगतनी पड़ रही है। खास बात यह है कि गंभीर हादसे होने के बावजूद जिम्मेदार मौन साधे हैं। कार्रवाई के नाम पर दो-तीन दिन जांच-पड़ताल का सिलसिला चलेगा और इसके बाद सबकुछ पहले की तरह बेपटरी हो जाएगा।

एक दिन पहले शहर में संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों की 'हिन्दुस्तान' ने पड़ताल की तो तमाम चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। सकरे रास्ते वाले छोटे-छोटे एक-एक मकान में तीन से चार कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। इन संस्थाओं का संचालन वर्षों से यूं ही चल रहा है लेकिन इसकी पड़ताल तक करने की जरूरत किसी ने नहीं समझी। सूरत हादसे के बाद विभाग की नींद जरूर टूटी है। हालांकि यह सक्रियता भी कुछ ही दिनों की है। शिक्षण संस्थाओं की तरह की लापरवाही सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिली। रविवार को जिला अस्पताल की पड़ताल में यह बात सामने आयी कि यहां फायर एक्सग्यूजर लगे तो हैं लेकिन आपात स्थिति में इसका प्रयोग किस प्रकार करना है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। अग्निशमन विभाग की ओर से भी कर्मचारियों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

जिला अस्पताल की इमरजेंसी समेत सभी वार्डों, स्टोर रूम, क्षय रोग विभाग में फायर एक्सग्यूजर की छोटी टैंक लगायी मिली। हालांकि आपातकालीन स्थिति में इसका प्रयोग कैसे करेंगे, इसका जवाब वहां तैनात कोई कर्मचारी नहीं दे सका। फायर एक्सग्यूजर के बारे में जानकारी मिली कि गोरखपुर अस्पताल की घटना के बाद फायर ब्रिगेड के लोग आये थे और इसकी जांच कर ठीक किये थे। हालांकि संचालित करने के बावत कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया।

उधर, जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में फायर ब्रिगेड का वाटर प्वाइंट बदहाल मिला। यदि किसी कारण से आगजनी हो जाय तो उससे निपटना मुश्किल ही है।

दूसरी ओर जिला महिला अस्पताल के इमर्जेंसी व प्रत्येक वार्ड में फायर एक्सग्यूजर व फायर वाटर प्वाइंट पर्याप्त है। हालांकि वहां तैनात कर्मचारियों को भी इसके प्रयोग के बावत कोई जानकारी नहीं थी।

यदि ड्यूटी पर तैनात नर्सों को फायर एक्सग्यूजर संचालन के बारे में जानकारी नहीं है तो प्रथम दृष्टया हो सकता है इन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। विशेष जानकारी सीएमएस कार्यालय से मिल सकती है। हम चार्ज पर हैं। लिहाजा पूरी जानकारी हमें नहीं है।

डॉ. केडी प्रसाद, प्रभारी सीएमओ

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