शशिभूषण बनवा चुका है एक हजार युवाओं को फर्जी निवास प्रमाणपत्र
Balia News - बलिया के डूहीमूसी गांव निवासी शशिभूषण उपाध्याय ने फर्जी निवास प्रमाणपत्र मामले में कई खुलासे किए। उसने एक हजार युवकों के लिए पश्चिम बंगाल में फर्जी प्रमाणपत्र बनाए, जिससे वे सेना और रेलवे में भर्ती हो...

बलिया, संवाददाता। फर्जी निवास प्रमाणपत्र मामले में गिरफ्तार डूहीमूसी गांव (बांसडीह) निवासी शशिभूषण उपाध्याय ने सोमवार को पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए। बताया कि वह करीब एक हजार युवकों का पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगहों का फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवा चुका है। एसटीएफ ने उसे रविवार को गिरफ्तार किया। एसटीएफ अफसरों ने बताया कि शशिभूषण उपाध्याय युवकों के लिए पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर के राज्यों का फर्जी निवास बनवाता था। इस आधार पर वे सेना और रेलवे की नौकरियों में भर्ती के योग्य हो जाते थे। फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से वह एक से तीन लाख रुपये लेता था। गिरफ्तारी के वक्त उसके पास 24 दक्षिण परगना जिले (पश्चिम बंगाल) में महेशतल्ला क्षेत्र के पाली नार्थ बाटा नगर निवासी रितिक सिंह, जोतसीरामपुर के धर्मप्रकाश, जोतशिब्रामपुर निवासी आशीष कुमार सिंह, पहाड़पुर (रवींद्रनगर) निवासी राजू सिंह, सेरामपुर (हुगली) क्षेत्र में बैदभावटी निवासी अविनाश, अंडाल (पश्चिमी वर्धमान) क्षेत्र में कजोरा निवासी अमन साहनी का फर्जी निवास प्रमाण पत्र बरामद हुआ। एसटीएफ अफसरों के अनुसार आशीष शहर से सटे बांसडीहरोड क्षेत्र में शिवबिहार कालोनी (परिखरा) का मूल निवासी है। बताया कि 20 नवंबर को अविनाश ने 30 हजार, अमन ने एक लाख तथा आशीष ने 49 हजार रुपये को शशिभूषण के खाते में भेजे। आरोपी ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के मिथुन कर्माकार, मनोज सिंह और राजन सिंह की मदद से फर्जी निवास प्रमाणपत्र और आधार कार्ड बनवाता था।
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