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बुरा व्यक्ति भी देता है धर्म की दुहाई : जीयर स्वामी

बलिया, संवाददाता। जनेश्वर मिश्र सेतु के पास चातुर्मास व्रत में प्रवचन करते...

बुरा व्यक्ति भी देता है धर्म की दुहाई : जीयर स्वामी
हिन्दुस्तान टीम,बलियाThu, 18 Aug 2022 11:40 PM
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बलिया, संवाददाता।

जनेश्वर मिश्र सेतु के पास चातुर्मास व्रत में प्रवचन करते हुए जीयर स्वामी जी ने कहा कि धर्म सिर्फ आस्था की चीज नहीं, बल्कि एक मानक भी है। धर्म की सर्व व्यापकता का समयोचित लाभ सभी प्राप्त करना चाहते हैं। जिस व्यक्ति के जीवन में धैर्य, क्षमा, दम, अस्तेय, शौच, निग्रह, धी, सत्य का भाव व क्रोध पर नियंत्रण हो तो वह अपने को धार्मिक समझे। मनुस्मृति में धर्म के दस लक्षण दिए गए हैं। ये लक्षण जिस व्यक्ति में विद्यमान हों, उसे अपने को धार्मिक समझना चाहिए।

जिन नियमों पर व्यक्ति से लेकर विश्व की व्यवस्था टिकी हुई है, उनका निस्वार्थ पालन करना सामान्य धर्म है। सृष्टिकर्ता के प्रति कृतज्ञता, भक्ति अर्पित करना मानव का परम धर्म है।

स्वामी जी ने कहा कि धर्म की व्यापकता की परिधि का लाभ सभी उठाना चाहते हैं। बालक जब कोई खेल खेलता है, तो दोस्तों को ईमानदारी से खेलने की नसीहत देता है। जुआ खेलने वाला भी बेईमानी नहीं करने की हिदायत देता है। शराबी भी दुकानदार को व्यवसाय धर्म की सीख देता है। अपराधी कभी भी अपने परिजनों को अपराधी नहीं बनाना चाहता। यानी बुरा व्यक्ति भी धर्म की दुहाई व सीख देता है। वह नहीं चाहता कि परिजन उसके मार्ग का अनुसरण करें।

स्वामी जी ने कहा कि एक धर्म और एक परमधर्म होता है। खेती, व्यापार, नौकरी, मकान व दुकान बनाना-चलाना धर्म है। जिसके द्वारा संसाधन व्यवस्था मिले है, उनके प्रति प्रेम एवं आदर की भावना करना परमधर्म है। यक्ष प्रश्न की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य घर-परिवार, पुत्र पुत्री, धन-वैभव और पद-प्रतिष्ठा को अपना मानते हैं, लेकिन उन सबको देने वाले, जिनके कारण वे इस दुनिया में हैं, उनको नहीं मानना ही आश्चर्य है।

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