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टोटी लगे मिट्टी के घड़ों की बढ़ी डिमांड

बलिया। एक ओर जहां इलेक्ट्रानिक कम्पनियां टीवी चैनलों व समाचार पत्रों में पर अपने विज्ञापनों में फ्रीज आदि की बात करते रहतेह ैं, बलिया में मिट्टी के...

टोटी लगे मिट्टी के घड़ों की बढ़ी डिमांड
हिन्दुस्तान टीम,बलियाSun, 18 Apr 2021 03:06 AM
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बलिया। एक ओर जहां इलेक्ट्रानिक कम्पनियां टीवी चैनलों व समाचार पत्रों में पर अपने कम्पनियों के फ्रिज, रिफ्रेजरेटर, आदि शीतल करने वाले संयंत्रों के शुद्धता और कूल (ठंडा) का प्रचार-प्रसार कर ग्राहकों को आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं भीषण गर्मी में पारम्परिक देशी फ्रिज घड़ा और सुराही के निर्माता और विक्रेता भी अपने उत्पाद नये कलेवर में बाजार में उतराना शुरू कर दिये हैं। शहर में सलीके से सजी दुकानों पर ग्राहकों को देखकर सहज ही इसका अंदाजा लग जा रहा है।

बता दें कि आधुनिकता के चकाचौंध में हर कुछ बदलता जा रहा है। इससे अछुता हमारा देशी फ्रिज सुराही और घड़ा भी नहीं है। इसका नजारा देखने को शहर के टाउन हाल रोड पर सजीं मिट्टी बर्तन के दुकानों पर देखने को मिल रहा है। इन दिनों इन दुकानों पर टोंटी लगे सुराही और घड़ा की खरीदारी के लिए भीड़ लगी है। इससे इतर गांव देहात के लोग हमेशा से इलेक्ट्रानिक फ्रिज व रिफ्रेजरेटर से बढ़िया और स्वास्थ्य के लिए इस देशी फ्रिज को अच्छा मानते रहे हैं, लेकिन युवाओं में भौतिकवादी सोच और चकाचौंध ने इस करोबार पर ग्रहण लगाने कार्य कर किया था। स्थिति यह हो गयी थी कि यह व्यवसाय अपने अस्तित्व पर आंसू बहाने लगा था, लेकिन उत्पाद के नये कलेवर ने इसके डिमांड में बढ़ोत्तरी कर दी है। आलम यह है कि पहले जहां मिट्टी के बने इस बर्तन को लोग बालू और जूट से बने बोरों को बिछाकर ईंट से ओट लगाकर रखते थे। अब लोग अपने घरों में लोहे के बने स्टूल पर रखकर इस देशी फ्रिज से भीषण गर्मी में गला तर कर रहे हैं। टाउन हाल रोड पर लगाये मिट्टी बर्तन के दुकानदार मोनू ने बताया कि पहले की अपेक्षा इस सीजन में टोंटी वाले घड़ा और सुराही की डिमांड बढ़ गयी है। पहले इसे सामान्य परिवार के लोग खरीदते थे, लेकिन अब इसे सम्पन्न लोग भी खरीद रहे हैं। लोगों में चर्चा इस बात की हो रही है कि इसकी ठंडई और फ्रिज की ठंडई में अंतर है। फ्रिज के पानी से विभिन्न तरह की बीमारियां हो रही हैं। वहीं सुराही के पानी की शीतलता प्राकृतिक ठंड देती है। इसके सेवन से किसी प्रकार की हानि नहीं होती है। इस कारोबार से जुड़े प्रभु ने बताया कि वर्तमान में टोंटी लगे सुराही व घड़ा 150 से 350 रुपये तक के हैं। वहीं ढकनी, 15 रुपये, सहित अन्य बर्तन के अलग-अलग रेट हैं। पहले भी गर्मी में घड़ा और सुराही की डिमांड थी, लेकिन कम थी। अब लोग शौकिया इन बर्तनों के पानी पी रहे हैं, जिससे बिक्री में इजाफा हुआ है।

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