बनारस स्टेट के सेनानायक से मंगल पांडे तक की गाथा हुई जीवंत
Balia News - उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और जागरूक शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय लोक नाट्य समारोह में वाराणसी के लोक कलाकारों ने 'गदर बनारस' नाटक का मंचन किया। नाटक में 1757 से 1857 तक...

बलिया, वरिष्ठ संवाददाता। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और ‘जागरूक शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान की ओर से आयोजित ‘त्रिदिवसीय लोक नाट्य समारोह में लोककला विकास व शोध संस्थान (वाराणसी) के लोक कलाकारों ने ‘गदर बनारस में नाटक का मंचन किया। इसके माध्यम से 1757 में बनारस स्टेट के राजा चेतसिंह के सेनानायक नन्हकू सिंह के बलिदान से लेकर 1857 के अमर शहीद मंगल पाण्डे, काशी की बेटी मनु, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आजाद और कलम की क्रांति के नायक बाबू शिवप्रसाद गुप्त के पराक्रम बलिदान की जीवन गाथा को जीवंत किया। समारोह का शुभारंभ अभाविप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, कला शिक्षक डॉ. इफ्तखार खां व अकादमी की नाट्य सर्वेक्षक अधिकारी शैलजा कान्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अकादमी की ओर से अतिथियों के साथ ही नाट्य निर्देशक डॉ. अष्टभुजा मिश्र को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। संचालन डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने किया। संस्थान के सचिव अभय सिंह कुशवाहा ने सभी का आभार जताया।
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