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फेफना जंक्शन पर हो रहा मालगोदाम का निर्माण

शहर से करीब 10 किमी दूर फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर मालगोदाम का निर्माण हो रहा है। इसके पूरा होने के बाद उम्मीद है कि शहर को जाम से काफी हद तक निजात मिल...

फेफना जंक्शन पर हो रहा मालगोदाम का निर्माण
हिन्दुस्तान टीम,बलियाMon, 06 May 2019 06:31 PM
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शहर से करीब 10 किमी दूर फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर मालगोदाम का निर्माण हो रहा है। इसके पूरा होने के बाद उम्मीद है कि शहर को जाम से काफी हद तक निजात मिल जायेगी।

गुलामी के दौर में जिले में रेल लाइन की स्थापना के साथ स्टेशन से सटे पूरब मालगोदाम का निर्माण हुआ। सैकड़ों साल से मालगोदाम पुरानी जगह पर ही मौजूद रहा। 1996 में बड़ी लाइन बनने के बाद कुछ साल पहले वैकल्पिक तौर पर काजीपुरा रेलवे क्रासिंग के पूरब नया रैक प्वाइंट बनाया गया। इसी बीच प्लेटफार्म संख्या एक की लम्बाई बढ़ाने का काम शुरु हुआ तो वर्ष 2018 में मालगोदाम भवन को ध्वस्त करना पड़ा। रेल सूत्रों की मानें तो काजीपुरा रेलवे क्रासिंग के पूरब वाशिंगपिट निर्माण का काम शुरु होने के बाद मालगोदाम बनाने की योजना को बंद करना पड़ा। रेल अफसरों ने नये मालगोदाम के लिये फेफना जंक्शन का चयन किया। इसकी मुख्य कारण यह थी कि वर्षों से लोग फेफना में मालगोदाम बनाने की मांग कर रहे थे। दूसरी वजह यह थी कि जिले के एकलौते जंक्शन पर रेलवे के पास पर्याप्त जमीन है। इस प्रस्ताव पर रेल महकमे के आला अधिकारियों ने भी मंजूरी दे दी जिसके बाद फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन के उत्तर रैक प्वाइंट का निर्माण शुरु हो गया। विभागीय लोगों का कहना है कि इसके बनने में दो से तीन साल का वक्त लग सकता है। माना जा रहा है कि मालगोदाम के शहर से स्थानान्तरित हो जाने के बाद काफी हद तक जाम की समस्या से निजात मिल जायेगी।

रैक प्वाइंट पर जगह की कमी से होती है परेशानी

स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक की लम्बाई बढ़ने के बाद मालगोदाम का दायरा सिमट गया। वैकल्पिक तौर पर काजीपुरा रेलवे क्रासिंग से पूरब रैक प्वाइंट बनाया गया था। हालांकि बीच में काजीपुरा रेलवे क्रासिंग होने के चलते मालगाड़ियों को दो हिस्सों में बांटना पड़ता है। मालगाड़ी का आधा हिस्सा पुराने तथा आधा नये रैक प्वाइंट पर खड़ा करके माल उतारना पड़ता है।

रैक लादने व उतारने में लगती है दो सौ ट्रकें

स्थानीय मालगोदाम पर सामान्यत: डाई, यूरिया, सीमेंट के अलावा सरकारी खाद्यान्न मालगाड़ियों से पहुंचता है। कई बार गेहंू व चावल को गैर जगहों पर भेजा भी जाता है। सूत्रों की मानें तो रैंक प्वाइंट पर आम तौर पर 42 व 56 डिब्बों वाली मालगाड़ी पहुंचती है। रैक खाली करने अथवा अनाज पहुंचाने के लिये डेढ़ सौ से दो सौ ट्रकें लगती हैं। इसके चलते शहर में पूरे दिन जाम लगा रहता है। लोगों का कहना है कि फेफना में मालगोदाम बनने के बाद शहर को जाम की समस्या से निजात मिल जायेगी।

इनसेट

फेफना जंक्शन स्टेशन का होगा विकास

मालगोदाम निर्माण का काम पूरा होने के बाद फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन का भी विकास होगा। जिले का एकलौता जंक्शन स्टेशन होने के बावजूद फेफना उपेक्षित ही रहा है। इस स्टेशन पर लम्बी दूरी की एक-दो ट्रेनों का ही ठहराव होता है। कुछ साल पहले कोयला का रैक आने के बाद स्टेशन पर चहल-पहल बढ़ी थी। हालांकि बाद में कोयले का रैक आना बंद हो गया लिहाजा एक बार फिर रौनक कम हो गयी।

कोट:

फेफना रेलवे जंक्शन स्टेशन पर मालगोदाम का निर्माण हो रहा है। काम तेजी से हो रहा है लिहाजा कार्य के जल्द पूरा होने की उम्मीद है।

अशोक कुमार, जनसम्पर्कअधिकारी रेलवे वाराणसी

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