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बंद रहा ‘बाबा दरबार, सड़क से ही दीदार

इस बार भी सावन के पवित्र महीने पर कोरोना की साया पड़ गयी है। सोमवार को जिले का प्रमुख बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा...

बंद रहा ‘बाबा दरबार, सड़क से ही दीदार
हिन्दुस्तान टीम,बलियाTue, 27 Jul 2021 03:22 AM
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बलिया। संवाददाता

इस बार भी सावन के पवित्र महीने पर कोरोना की साया पड़ गयी है। सोमवार को जिले का प्रमुख बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। लिहाजा पहले सोमवार को मुख्य गेट के अलावा साइड के गेट भी बंद रहे। हालांकि बाबा के गर्भगृह का दरवाजा खुला था और श्रद्धालुओं ने मुख्य सड़क से ही महादेव का दीदार किया और पूजा-अर्चन किया। अलबत्ता, शहर के अन्य शिवालयों के अलावा ग्रामीण इलाकों के शिवालयों में जलाभिषेक हुआ। हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारों से शहर से लगायत गांव तक गूंज उठा। सावन में सबसे अधिक भीड़ बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में ही जुटती है। लिहाजा कोरोना संक्रमण को देखते हुए अधिकारियों व मंदिर प्रबंध कमेटी की बैठक में सोमवारी के दिन प्रवेश बंद रखने का निर्णय किया गया था। ऐसे में श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध मंदिर के मुख्य द्वार के सामने सड़क पर ही पुष्प, भांग, धतुरा के साथ बाबा को जल अर्पित किया।

सावन महीने के सोमवार दिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिले के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि वैसे तो सावन महीने के हर दिन भगवान शंकर को समर्पित है, पूजन-अर्चन करने से भगवान शंकर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसमें भी सोमवार को व्रत रखने से महिलाओं के सुहाग में वृद्धि होती है। जिन लड़कियों के शादी में बाधा आ रही है, वह सोमवार व्रत करने से दूर होता है। बताया कि मां पार्वती ने निराहार रहकर भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर व्रत किया था, जिससे उन्हें मनचाहे वर के रूप में भोलेनाथ मिले थे। बताया कि सावन महीने में दूध, दही, घी व गाय का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। बताया कि पांच अगस्त को सावन महीने का प्रदोष व्रत है, जबकि छह अगस्त को महाशिवरात्रि का व्रत पड़ेगा।

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