बहराइच में आम के बाग में खाद व उर्वरक प्रबंधन का सही समय
आम के बाग में सितम्बर का यह समय खाद व उर्वरक प्रबंधन का सही समय है। कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा के कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि आम की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्व की जरूरत होती है। उन्होंने किसानों को इस...
आम के बाग में सितम्बर का यह समय खाद व उर्वरक प्रबंधन का सही समय है। कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा के कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि आम की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्व की जरूरत होती है। उन्होंने किसानों को इस समय बाग में पेड़ों के आस-पास गुड़ाई कर उर्वरक प्रयोग की सलाह दी है।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. वीपी शाही ने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ फलों का जीवन में महत्व बढ़ता जा रहा है। यदि हम आंकड़ों पर ध्यान दें, तो पता चलता है कि हमारे देश में मुख्य फलों की उत्पादकता अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम है। जबकि इन फलों उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है, और इसे बढ़ाने की जरूरत है। इसी को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से आम की उत्पादन एवं उच्च गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आम के बाग में खाद एवं उर्वरक का प्रबंधन किया जा रहा है। इसके तहत बलहा ब्लॉक के लालबोझी गांव में आम के बाग मेेंं एनपीके 12:32:16 या यूरिया, सिगंल सुपर फास्फेट एवं पोटाश डलवाया गया।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बोरेक्स, कापर सल्फेट एवं जिंक सल्फेट या सूक्ष्म पोषक तत्व डाल सकते हैं। कीट नियंत्रण के लिए किसान मोनोक्टोफास या क्यूनालफास 200 मिली 100लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। आम की फसलों के प्रमुख रोग एवं कीट नियंत्रण और उनका एकीकृत प्रबन्धन यदि उचित समय पर इनका प्रबन्धन नहीं किया गया, तो उत्पादन प्रभावित होता है। इस समय आम के बागों में किसान वर्षा के उपरान्त एक जुताई और पेड़ों के तने के आस-पास के क्षेत्रों में गुड़ाई करना चाहिए। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सूर्य बली सिंह ने आम में इस समय लगने वाले शूट गाल सिला इसके प्रबंधन के लिए डाएमेथोएट 30 ई-सी 2 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव 15 दिनों के अन्तराल 2 छिड़काव करें।