घर में घुसकर हमले मामले में एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं
Bahraich News - बहराइच, संवाददाता। दलित किशोरी का अपहरण कर धर्मान्तरण, निकाह, गैंगरेप के मामले में

बहराइच, संवाददाता। दलित किशोरी का अपहरण कर धर्मान्तरण, निकाह, गैंगरेप के मामले में मुकदमा दर्ज न करने वाली पुलिस अब घर में घुसकर हमला करने वाले आरोपितों पर भी मेहरबान है। कोर्ट के आदेश पर दर्ज 23 लोगों में एक की भी गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर सकी है, जबकि आरोपित खुलेआम पीड़िता व उसके परिजनों को सुलह का दबाव बना रहे हैं। हालाकि महसी सीओ डीके श्रीवास्तव की ओर से मौकी तहकीकात भी की जा चुकी है।
हरदी थाने के एक गांव निवासनी दिव्यांग वृद्धा की देखभाल करने वाली15 वर्षीय नातिन को गांव के पांच लोगों ने अपहरण कर लिया था। उस समय लोगों ने प्रयास कर किशोरी बरामद करा दी थी। पीड़िता की मौसी के अनुसार बेटी का अपहरण कर धर्मान्तरण के बाद इसी गांव के एक युवक से निकाह कराया गया था। पीड़िता की मौसी ने 11 अप्रैल को थाने में अपहरण कर बंधक बनाने, गैंगरेप, धर्मान्तरण व दलित उत्पीड़न में पांच युवकों को नामजद कर केस दर्ज कराया था। उस समय तैनात रहे महसी सीओ अनिल कुमार सिंह मामले की विवेचना कर रहे थे। उन्होंने कोर्ट में दो आरोपियों के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। जबकि तीन को केस से निकाल दिया था। इस मामले में पीड़िता के अधिवक्ता ने सीओ महसी अनिल कुमार सिंह की विवेचना पर सवाल खड़े किए थे। जिसे कोर्ट ने संज्ञान में लेकर सीओ के विरूद्ध केस हल्का करने का आधार बना उनके विरूद्ध कोर्ट में वाद दायर हुआ। जिसमे सीओ को जमानत करानी पड़ी थी। कोर्ट ने तीन आरोपियों को निकाले जाने पर पुनर्विवेचना के आदेश दिए थे। जिसकी अभी शुरूआत नही हुई है।पांच सितम्बर की शाम सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हमलावरों ने पीड़िता, उसकी मौसी, दिव्यांग नानी के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने उल्टे पीड़ित पक्ष पर ही केस दर्ज किया था। जिस पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली थी। नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।
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