बहराइच में महानगरों से लौटे कामगारों में सिर्फ 44 की हो सकी जांच
जिले के विभिन्न इलाकों के कामगार मुम्बई, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व जिले के अन्य महानगरों में रहकर काम कर रहे कामगार रविवार को ट्रेन, रोडवेज बसों व बुक कराई गई निजी गाड़ियों से लखनऊ व बरेली पहुंचे,...
जिले के विभिन्न इलाकों के कामगार मुम्बई, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व जिले के अन्य महानगरों में रहकर काम कर रहे कामगार रविवार को ट्रेन, रोडवेज बसों व बुक कराई गई निजी गाड़ियों से लखनऊ व बरेली पहुंचे, जहां से विभिन्न साधनों से बहराइच आए। इनके मेडिकल जांच की ठीक से व्यवस्था न होने की वजह से सिर्फ 44 की जांच हो सकी। शेष पैदल अपने गांवों को पहुंचे। बिना जांच के घर पहुंचना भविष्य में बड़े खतरे की ओर संकेत करता है।
बहराइच जिला भारत नेपाल बार्डर से सटा हुआ है। यहां के ज्यादातर लोग दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, सऊदी अरब, दुबई के अलावा अन्य मुल्कों में काम करने जाते हैं, लेकिन कोरोना के भय ने लोगों को इस कदर झकझोर दिया है कि लोग उल्टे पांव अपने वतन की ओर भागे चले आ रहे हैं। रविवार को अचानक हजारों की संख्या में लोग बहराइच पहुंचे। बसों में सीटें न मिलने से लोग छतों पर भी बैठकर आए।
अचानक जिले में पहुंचे हजारों की संख्या में लोग प्रशासन के तमाम इंतजामों की पोल खोल दी। अब सवाल उठ रहा है कि चाइना के वुहान से फैले कोरोना वायरस के खतरे से जिले का अाम इंसान कितना महफूज है, यह सोचनीय है। सीएमओ डॉ.सुरेश सिंह का कहना है कि बाहर से लौटे लोगों की जांच करने के लिए टीमें लगाई गई हैं, जो जांच कर उन्हें घर से बाहर न निकलने का निर्देश दे रही हैं।
इसी तरह बौंडी थाने के ग्राम घरेहरा नकदिलपुर के मजरा सिलौटा निवासी एक युवक रविवार को पंजाब से लौटा। इसकी जानकारी मिलने पर एसआई विपिन सिंह, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बौंडी के फार्मासिस्ट हरीश कुमार मिश्रा के साथ उसके घर पहुंचे। स्वास्थ्य कर्मियों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। सीएचसी प्रभारी फखरपुर डॉ. प्रत्यूष सिंह ने बताया कि युवक की जांच कराई गई है। रिपोर्ट आने के बाद जानकारी हो सकेगी।