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उम्र के आखिरी पड़ाव तक रहता है डायबिटीज : डॉ.तिवारी

बहराइच। संवाददाता एनसीडी क्लीनिक के नोडल आफीसर डॉ. परितोष तिवारी ने कहा कि...


उम्र के आखिरी पड़ाव तक रहता है डायबिटीज : डॉ.तिवारी
हिन्दुस्तान टीम,बहराइचSun, 14 Nov 2021 10:00 PM
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बहराइच। संवाददाता

एनसीडी क्लीनिक के नोडल आफीसर डॉ. परितोष तिवारी ने कहा कि यदि किसी को डायबिटीज की समस्या हो जाती है, तो इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना असंभव है। यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकता है। विश्व मधुमेह दिवस पर रविवार को मेडिकल कॉलेज स्थित सीएमओ कार्यालय सभागार में एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को बतौर नोडल अफसर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा कि डायबिटीज प्राकृतिक या आनुवांशिक कारणों से होती है। डायबिटीज होने के दो मुख्य कारण होते हैं। पहला शरीर में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाये या फिर शरीर में इन्सुलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए। क्योकि यह उम्र के आखिरी पड़ाव तक बना रहता है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता लाए जाने के उद्देश्य से हर वर्ष अलग-अलग थीम पर 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है।

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हर उम्र के लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं

बहराइच। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डॉ.सतीश कुमार सिंह ने कहा कि विश्व मधुमेह दिवस को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से वर्ष 1991 में शुरू किया गया था। प्रत्येक वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है। डायबिटीज के विषय में लोगों को जागरूक और शिक्षित करना ही विभाग का लक्ष्य है। एनसीडी के नोडल डॉ. अजीत चन्द्रा ने कहा कि मधुमेह आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खराब जीवनशैली से आज हर उम्र के लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज टाइप एक में अचानक वजन घटना या बढ़ना, जी मिचलाना और उल्टी होना। डायबिटीज टाइप दो में फंगल इंफेक्शन, घाव का देर से भरना या ठीक होना, पैरो में शून्यपन या ऐंठन होता है।

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ब्लड शुगर लेवल बिगड़ जाने पर आतीं हैं कई समस्याएं

बहराइच। जिला सलाहकार पुनीत शर्मा ने कहा कि शरीर सही ढंग से चले इसके लिए ब्लड शुगर का नियंत्रित होना बहुत जरूरी है. ब्लड शुगर लेवल बिगड़ जाने पर कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ब्लड शुगर बढ़ जाने पर शरीर हर तरफ से पानी खींचता है. इससे स्किन रूखी होने लगती है. इसके अलावा खुजली और फटी त्वचा खासतौर से पैरों, कोहनी, एड़ी और हाथों की त्वचा में ज्यादा दिक्कत होने लगती है. जब आपका ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है. तो आपका शरीर इसे बढ़ाने के लिए एक तरीके का हार्मोन निकालता है. इससे बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है. ऐसे में एक्सरसाइज और सही खानपान से बचा जा सकता है. इस अवसर पर विवेक श्रीवास्ताव तथा समस्त एनसीडी क्लीनिक की टीम मौजूद रही।

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ये है डायबिटीज से बचने के बेहतर उपाय

-हर साल नियमित रूप से पूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना ज़रूरी है।

-योग, संगीत आदि ऐसी गतिविधि करें जो तनावमुक्त और खुश रखे।

-रोज़ाना रात को कम से कम सात-आठ घंटे की अच्छी नींद बहुत जरूरी है।

-जो लोग धूम्रपान करते हैं वे मधुमेह होने का खतरा दुगुना कर देते हैं।

-स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा तरीका व्यायाम करना है।

-अपने खाने के हिस्से को सीमित रखें।

-मधुमेह को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव सबसे अच्छा उदाहरण है।

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